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मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस के इतिहास पर उठाए सवाल! कहा- भाजपा को बांग्लादेश में चल रहे अराजकता पर ध्यान देना चाहिए
नई दिल्ली। राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस के पुराने दृष्टिकोण पर निशाना साधते हुए कहा कि 1949 में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया था क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया, न ही तिरंगे को। 26 जनवरी 2002 को कोर्ट के आदेश के बाद ही आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया।
इंदिरा गांधी की बहादुरी के बारे में बताते हुए खड़गे ने कहा कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को विभाजित कर बांग्लादेश को आजाद कराया और भारत के गौरव को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। भाजपा को बांग्लादेश में चल रही अराजकता पर ध्यान देना चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। संविधान सभी नागरिकों की समानता और अधिकारों का प्रतीक है, और इसे संकीर्ण विचारधारा की राजनीति से दूर रखना चाहिए।