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लखनऊ— भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद आईपीएस मणिलाल पाटीदार बर्खास्त , महोबा में तैनाती के दौरान क्या था आरोप
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लखनऊ-लखनऊ— भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद आईपीएस मणिलाल पाटीदार बर्खास्त , महोबा में तैनाती के दौरान क्या था आरोपमहोबा के खनन कारोबारी की मौत के मामले में जेल में बंद आईपीएस मणिलाल पाटीदार को केंद्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। साथ ही IPS सूची से भी उनका नाम हटा दिया गया है।बता दें कि महोबा के एसपी रहने के दौरान खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर 7 सितंबर 2020 को वायरल हुआ था। जिसके दो दिन बाद इंद्रकांत त्रिपाठी की गोली लगने से मौत हो गई थी। त्रिपाठी के परिजनों ने पाटीदार सहित तीन अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया था। आपको बता दें कि महोबा में एक क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या के मामले में पिछले साल आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर योगी सरकार ने शिकंजा कसा था। इस मामले में पाटीदार ने यूपी पुलिस को करीब दो सालों तक छकाया था। पिछले साल अक्टूबर में उसने सरेंडर किया था।इससे पहले पाटीदार को गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। कोर्ट के आदेश पर राजस्थान में उनकी सम्पत्ति को भी कुर्क किया गया था। उनके खिलाफ विजिलेंस ने भी मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी जांच चल रही है। लखनऊ जेल में बंद पाटीदार को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से की थी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी गठित की थी। जिसके बाद आईपीएस मणिलाल पाटीदार फरार हो गया था। वहीं एसआईटी की जांच में तत्कालीन एसपी पाटीदार और अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए थे। इस मामले में थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला सहित चार सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया। दो साल तक फरार रहने के बाद पाटीदार ने 15 अक्टूबर 2022 को लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण किया था।