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कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ संशोधन विधेयक संसद में किया पेश
नई दिल्ली। कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में पेश किया। वहीं सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि ये बिल अधिकारों पर चोट है। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध किया है।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों को देखते हुए लाया गया है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
सपा के सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में वक्फ विधेयक2024 पर कहा कि यह बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।
अखिलेश यादव के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते। आप नहीं हो स्पीकर के अधिकार के संरक्षक।
वक्फ विधेयक 2024 का विरोध करते हुए लोकसभा में NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या इसे स्थायी समिति को भेज दें। कृपया परामर्श के बिना एजेंडा आगे न बढ़ाएं।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को लक्षित करता है।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है। इस विधेयक को लाकर केंद्र सरकार देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले।