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किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी से भाजपा सांसदों पर शारीरिक हमला करने के लिए माफी की मांग की
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एनडीए के सांसदों के खिलाफ शारीरिक हिंसा का सहारा लिया। यह घटना संसद परिसर के मकर द्वार पर हुई, जो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में प्रवेश का मुख्य द्वार है।
दरअसल, संसद परिसर में अंबेडकर मुद्दा को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था उसी दौरान भाजपा के दो सांसद को धक्का दे दिया गया जिससे उन्हें चोट लग गई। भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ऊपर आरोप लगाया है कि राहुल ने धक्का दिया है।
जिसके बाद किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस और उनके सांसद पूरे सत्र के दौरान मकर द्वार पर खड़े होकर तख्तियां दिखा रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। पहली बार एनडीए के सांसद 1951 से कांग्रेस द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर के अपमान के खिलाफ विरोध करने वहां गए थे। तभी राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसद आए और भाजपा के दो सांसदों प्रताप सिंह सारंगी और मुकेश राजपूत पर हमला किया। इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्होंने कहा कि चोटों का स्तर काफी गंभीर है और खून बहने की भी खबर है। हम स्थिति का आकलन करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। राहुल गांधी को न केवल देश से बल्कि उन सांसदों से भी माफी मांगनी चाहिए जिन्हें उन्होंने चोट पहुंचाई है।
रिजिजू ने राहुल गांधी की इस हरकत को "निंदनीय" बताया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अन्य सांसदों के खिलाफ अपनी शारीरिक शक्ति का उपयोग करने का अधिकार किसने दिया? हम हिंसा में विश्वास नहीं करते। लेकिन राहुल गांधी ने जो किया, वह उनके गुस्से और हताशा का प्रदर्शन है। यह साबित करता है कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा जवाबी शारीरिक कार्रवाई में विश्वास नहीं करती क्योंकि पार्टी लोकतंत्र और अहिंसा में आस्था रखती है। उन्होंने राहुल गांधी पर संसद के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि यह उनका "लोकतंत्र विरोधी" रवैया दर्शाता है।