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ED के सामने नहीं पेश होंगे केजरीवाल: नई तारीख के साथ रखी ये शर्त, भाजपा बोली- लालू यादव के संरक्षण में हैं

Shashank
4 March 2024 5:41 AM GMT
ED के सामने नहीं पेश होंगे केजरीवाल: नई तारीख के साथ रखी ये शर्त, भाजपा बोली- लालू यादव के संरक्षण में हैं
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आठवें समन पर प्रवर्तन निदेशालय को जवाब भेजा है। आप ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे। आज आठवें समन पर भी केजरीवाल पेश नहीं होंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशायल को जवाब भेजा है। उन्होंने कहा है कि यह समन गैरकानूनी है। लेकिन मैं आपके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। अरविंद केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी की जांच में शामिल होंगे।

ईडी को भेजे जवाब पर सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया

आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ईडी को भेजे समन के जवाब पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जबकि ईडी का समन गैर कानूनी है। ईडी की मंशा अरविंद केजरीवाल को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने की है। इसलिए मुख्यमंत्री ने पाया और फैसला लिया है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे। यह के साजिश है वे किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना चाहते हैं। इसलिए ईडी उन्हें बुलाने के लिए मजबूर कर रही है।

शहजाद पूनावाला का केजरीवाल पर तंज

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जवाब पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह बिल्कुल बेतुका है कि जिस व्यक्ति पर शराब घोटाले का मास्टरमाइंड होने का गंभीर आरोप है। वह अब यह तय करेगा कि वह कब पेश होगा।

आगे कहा कि जब अरविंद केजरीवाल अन्ना हजारे के संरक्षण में थे तो कहते थे 'पहले इस्तीफा फिर जांच'। लेकिन आज इस्तीफा तो भूल जाइए, जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वो आज लालू प्रसाद के संरक्षण में हैं।

आगे कहा कि ये बदले की राजनीति है। अगर ऐसा है तो कोर्ट ने समन को रद्द या स्टे क्यों नहीं किया। कोर्ट ने मनीष को राहत क्यों नहीं दी। कांग्रेस कह रही है कि अरविंद केजरीवाल घोटाले में शामिल हैं और उन्हें जवाब देना चाहिए।

केजरीवाल के पेश न होने पर भाजपा ने घेरा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सस्ती पब्लिसिटी के चक्कर में रहते है, यह ईडी सम्मन से खिलवाड़ लम्बी रेस में महंगा पड़ेगा। कल तक जिस सम्मन को अवैध कहते थे आज उसका जवाब देने को तैयार क्योंकि जानते हैैं की सम्बंधित न्यायलय भी ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश देगा। केजरीवाल द्वारा रामराज्य की बात एक फिल्म गीत की याद दिलाता है।देखो ए बेईमानों (दिवानों) तुम यह काम ना करो राम का नाम बदनाम ना करो"। केजरीवाल के रामराज्य में अपनों के लिए घोटाले और जनता के लिए वनवास होगा।

बीती 27 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवां समन भेजा था। इससे पहले ईडी ने उन्हें सात बार समन जारी हो चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। अब आठवें समन पर भी पेश नहीं होंगे।

केजरीवाल ने कहा था कि अगर अदालत इस संबंध में आदेश देगी तो वह प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगे। समन पर केजरीवाल के पेश नहीं होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने शहर की एक अदालत का रुख किया, जिस पर अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 16 मार्च को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।

सात समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं केजरीवाल

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। इससे पहले 22 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन केजरीवाल सातवें समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 14 फरवरी और 22 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

जानें मुख्यमंत्री केजरीवाल पर क्या है आरोप

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गड़बड़ी के चलते शराब नीति को रद्द कर दिया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामला दर्ज किया था।

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