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केजरीवाल सरकार ने दो साल से नहीं की बाढ़ नियत्रण पर बैठक -सूत्र

vaishali malewar
17 July 2023 7:46 AM GMT
केजरीवाल सरकार ने दो साल से नहीं की बाढ़ नियत्रण पर बैठक -सूत्र
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सूत्रों का दावा है की दिल्ली सरकार के बाढ़ के आदेश आधे- अधूरे थे। साथ ही राजधानी में बाढ़ नियंत्रण के उपायों की समीक्षा, सिफारिश, पर्यवेक्षण और समन्वय की इस साल होने वाली बैठक के आदेश अध्यक्ष द्वारा नहीं दिए गए थे।इस समिति के अध्यक्ष कोई और नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है। जबकि राजस्व विभाग द्वारा 19 जून को ही फाइल भेज दी गई थी। और यह एक अनिवार्य मीटिंग थी।

देश की राजधानी और राजधानी के लोग बाढ़ से परेशान है। लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने की जगह केजरीवाल सरकार (Kejriwal Govt ) लीपापोती और बीजेपी (BJP ) पर आरोप लगाने में व्यस्त है। इस बीच राज निवास से एक खबर बाहर आई है जो चौंकाने वाली है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) ने पिछले दो सालों से नीत बाढ़ नियंत्रण और तैयारी संबंधी शीर्ष समिति की बैठक ली ही नहीं है। बैठक हो भी कैसे मुख्यमंत्री तो अपनी पार्टी के प्रचार और अपने मंत्रियों को बचाने में लगे हुए है।

इसपर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेताओं का कहना है की उन्होंने 9 मई को समिति की बैठक ली और बढ़ से बचने के उपायों पर चर्चा भी की। पर सवाल यह उठता है की अगर आप सचमे बैठक ली चुकी है और समाधान पर चर्चा कर चुकी है तो आज दिल्ली जलमग्न क्यू हुई है। राज निवास के सूत्रों का दावा है की दिल्ली सरकार के बाढ़ के आदेश आधे- अधूरे थे। साथ ही राजधानी में बाढ़ नियंत्रण के उपायों की समीक्षा, सिफारिश, पर्यवेक्षण और समन्वय की इस साल होने वाली बैठक के आदेश अध्यक्ष द्वारा नहीं दिए गए थे।इस समिति के अध्यक्ष कोई और नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है। जबकि राजस्व विभाग द्वारा 19 जून को ही फाइल भेज दी गई थी। और यह एक अनिवार्य मीटिंग थी। यही हाल पिछले साल भी था। तब भी मुख्यमंत्री ने मीटिंग नहीं होने दी।

इस उच्चाधिकार समिति में दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ सरकार के सभी मंत्री, दिल्ली के सांसद, विधायक, दिल्ली विकास प्राधिकरण, भारतीय सेना के जीओसी और केंद्रीय जल आयोग (CWC) के सदस्य शामिल है। हालात और समीक्षा के लिए हर साल बाढ़ नियंत्रण आदेश पारित करने के लिए मानसून से पहले जून के आखिर में यह बैठक करने का प्रावधान है। इस बैठक में समिति के सभी खतरे और बाढ़ के अनुमान को देखते हुए तैयारियों का आकलन करती है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सहित विभिन्न विभागों और एजेंसियों से समन्वय स्थापित करती है। इस विषय में मुख्यमंत्री कार्यालय को 21 जून को ही फाइल भेज दी गई थी जिस पर राजस्व मंत्री अतिशी उन्हें इस टिप्पणी के साथ फ़ैल लौटा दी की माननीय मुख्यमंत्री की इच्छा है कि, राजस्व मंत्री इस समिति की बैठक करें उनके विशेष कार्य अधिकारी ने संभागीय आयुक्त को बाढ़ नियंत्रण आदेश 2023 जारी करने के लिए 30 जून को शाम 6:30 पर प्रमुख सचिव सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, जिलाधिकारी पूर्व दिल्ली और अन्य अधिकारियों के साथ उनके सम्मेलन कक्ष में एक समीक्षा बैठक करके निर्देश दिए थे।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के प्रतिनिधियों के अलावा मुख्य सचिव पुलिस आयुक्त एमसीडी, आयुक्त दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों को नहीं बुलाया गया था। जिसके बाद आधी अधूरी जानकारी के साथ 6 जुलाई को आदेश जारी कर दिया गया। जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि उन्होंने मई में ही बाढ़ और जलभराव के मुद्दे पर नियमित समीक्षा कर ली थी और सभी उपायों को देखते हुए आदेश जारी किए थे। पर सवाल अभी भी यही है की अगर सब ठीक से हो गया था तो आज ये हालत क्यों है.

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