Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

MUDA मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुरी तरह फंसे, राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

Neelu Keshari
17 Aug 2024 8:16 AM GMT
MUDA मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुरी तरह फंसे, राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी
x

बेंगलुरु। MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुरी तरह फंसते दिख रहे हैं। जहां भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा तो खोला हुआ है वहीं अब राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्यपाल ने मुडा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

राज्यपाल ने बीते दिनों मुडा के कथित भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी। जिसके बाद गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई जिसमें राज्यपाल को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह दी गई। साथ ही मंत्रिपरिषद ने इसे बहुमत से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करार दिया। शिकायतकर्ताओं ने मुडा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और 19 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के खजान को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, बेटे और मुडा के आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है।

यह है मामला

बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान मुडा की लाभार्थी थीं। उस समय मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित की गई थी। यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार में दी थी। मुआवजे के तौर पर दक्षिण मैसूर में एक प्रमुख इलाके में उन्हें जमीन दी गई। आरोप है कि केसर गांव की जमीन की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसके कारण मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं। सिद्धारमैया ने इस भूमि आवंटन का बचाव करते हुए कहा था कि यह पिछली भाजपा सरकार के दौरान किया गया था।

Next Story