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कांवड़ यात्रा: ढाबों के बाहर मालिकों के नाम लिखने के फरमान पर सियासी घमासान! अखिलेश ने कहा- सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश
लखनऊ। कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रहा है। इस बार प्रशासनिक अधिकारियों ने फिर से मुजफ्फरनगर में सभी होटल ढाबों के संचालकों को निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि अपने होटल के बाहर अपने नाम मोटे अक्षरों में अंकित करें। इस पर अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। नेताओं का कहना है कि ऐसा आदेश सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ेगा।
प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा यह आदेश इसलिए जारी किया है कि कावड़ियों को किसी भी प्रकार का कंफ्यूजन ना हो ताकि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसलिए इसका निर्देश दिया गया है और सब इसका स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं।
जिसपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी किए गए फरमान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि कोर्ट मामले का स्वत: संज्ञान ले और दंडात्मक कार्रवाई करे। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम 'Judenboycott' था।