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जयशंकर ने चीन को सुनाई दो टूक! बताया LAC विवाद में भारत का अगला कदम
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन को खरी-खरी सुनाई है। अमेरिका में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारा एक कठिन इतिहास रहा है। चीन के साथ हमारे स्पष्ट समझौतों के बावजूद, हमने कोविड के दौरान देखा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन करते हुए LAC पर बड़ी संख्या में सेनाएं भेजीं। यह संभावना थी कि कोई दुर्घटना होगी, और ऐसा हुआ भी। झड़प हुई और दोनों तरफ से कई सैनिक मारे गए। इसने एक तरह से दोनों देशों के बीच रिश्ते को प्रभावित किया।
जब मैंने कहा कि इसका 75% हल हो गया है, यह केवल डिसइंगेजमेंट के बारे में है लेकिन गश्त के कुछ मुद्दों को हल करने की अभी आवश्यकता है। अगला कदम डी-एस्केलेशन होगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर दुनिया को बहुध्रुवीय होना है, तो एशिया को भी बहुध्रुवीय होना होगा और इसलिए यह संबंध न केवल एशिया के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि शायद दुनिया के भविष्य को भी प्रभावित करेगा। हम लंबे समय से आसियान को केंद्र में रखकर 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' पर काम कर रहे हैं। रणनीतिक विषय के रूप में हिंद-प्रशांत की उपस्थिति एक्ट ईस्ट पॉलिसी की सफलता है।
वहीं साथ ही एस जयशंकर ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज यूएनजीए79 के अवसर पर साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस के साथ अच्छी बातचीत हुई। हमने पश्चिम एशिया में चल रहे घटनाक्रमों और उनके व्यापक प्रभावों पर चर्चा की। साथ ही द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की।