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क्या पिता के फैसले का भी विरोध कर रहे हैं अखिलेश यादव? India vs BHARAT की लड़ाई में कूदे SP मुखिया, दी सलाह!

Shivam Saini
7 Sept 2023 6:52 PM IST
क्या पिता के फैसले का भी विरोध कर रहे हैं अखिलेश यादव? India vs BHARAT की लड़ाई में कूदे SP मुखिया, दी सलाह!
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विपक्ष पूरी तरह से भारत और भारत के मुद्दे को भुनाने में लगा हुआ है. इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है. अखिलेश यादव ने बीजेपी को संकीर्ण विचारधारा वाली पार्टी बताया और भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलने की सलाह दी. अखिलेश ने यह बात सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर कही।

INDIA vs Bharat की लड़ाई में विपक्ष बीजेपी पर निशाना साधने से नहीं चूक रहा है, लेकिन विपक्षी नेताओं की बयानबाजी उन पर निशाना साध रही है. जी-20 बैठक के दौरान राष्ट्रपति भवन में होने वाले रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति भवन से जारी निमंत्रण पत्र में 'भारत के राष्ट्रपति' की जगह 'भारत के राष्ट्रपति' लिखा गया, जिसके बाद विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया. देश। बदलाव का आरोप विपक्ष पूरी तरह से इस भारत और भारत के मुद्दे को भुनाने में लगा हुआ है.

इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है. अखिलेश यादव ने बीजेपी को संकीर्ण सोच वाली पार्टी बताया और भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलने का सुझाव दिया. अखिलेश ने यह बात सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर कही।


अखिलेश ने लिखा, 'वैसे तो भाषाओं का मेल और परस्पर प्रयोग व्यापक सोच वाले लोगों में मानवता के विकास और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है, फिर भी अगर संकीर्ण सोच वाली बीजेपी और उसके सहयोगी किसी भी भाषा के शब्दों को बदलने को इसका प्रतीक मानते हैं. गुलामी। अगर आप ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले बीजेपी को भी अपना एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और अपने नाम से अंग्रेजी शब्द 'पार्टी' हटा देना चाहिए और स्वदेशी परंपरा का 'दल' शब्द जोड़कर अपना नाम बीजेपी से बीजेडी कर लेना चाहिए.


इंडिया को भारत बनाने का फैसला अखिलेश के पिता मुलायम सिंह ने लिया था.

गौरतलब है कि इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव साल 2004 में मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में पारित किया था. मुलायम ने खुद यह प्रस्ताव सदन में पेश किया था. इसे सर्वसम्मति से पारित करते हुए संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन के लिए केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गई.


2004 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में सपा ने देश का नाम 'इंडिया' से भारत करने के लिए संविधान में संशोधन करने का भी वादा किया था. सरकार बनने के बाद मुलायम सिंह ने 3 अगस्त, 2004 को विधानसभा में देश का नाम बदलने के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था.

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