Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

मालदीव में भारत के विमान को उड़ान की इजाजत नहीं, राष्ट्रपति मुइज्जू की इस जिद से चली गई बच्चे की जान

SaumyaV
21 Jan 2024 10:30 AM IST
मालदीव में भारत के विमान को उड़ान की इजाजत नहीं, राष्ट्रपति मुइज्जू की इस जिद से चली गई बच्चे की जान
x

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि बातचीत अभी जारी है। इस बीच 14 साल के बच्चे के जान जाने की खबर सामने आई है।

मालदीव और भारत के बीच रिश्ते पहली की तरह नहीं रहे हैं, इनमें खटास आ गई है। ये कड़वाहट उस समय आई जब मालदीव के मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद से लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के एक गलत फैसले ने 14 साल के मासूम की जान ले ली। दरअसल, बच्चे को मेडिकल इमरजेंसी के लिए भारतीय डोर्नियर विमान की जरूरत थी, जिसकी अनुमति मालदीव सरकार नहीं दी। इलाज में देरी के चलते शनिवार को बच्चे की जान चली गई।

भारतीय सैनिकों को वापस जाने का आदेश

बता दें, भारत ने पहले चिकित्सा निकासी और अन्य उच्च उपलब्धता आपदा रिकवरी (HARD) गतिविधियों के लिए दो नौसैनिक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान मालदीव को मुहैया कराया हुआ है। हालांकि, भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के मालदीव सरकार की जिद के कारण भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का भाग्य अधर में है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मुद्दे का समाधान खोजने के लिए बातचीत अभी भी जारी है।

यह है मामला

जानकारी के मुताबिक, घटना बुधवार की है। लड़के को ब्रेन ट्यूमर था और स्ट्रोक आने पर उसकी हालत गंभीर हो गई। इसके बाद उसके परिवार ने उसे गैफ अलिफ विलिंगिली स्थित उसके घर से राजधानी माले ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस का अनुरोध किया था। परिवार का आरोप है कि अधिकारी तुरंत चिकित्सा निकासी की व्यवस्था करने में असफल रहे।

16 घंटे की देरी बनी...

रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक लड़के के पिता ने बताया, 'मैंने स्ट्रोक आने के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे फोन का जवाब दिया। इस तरह के मामले के लिए केवल एयर एंबुलेंस ही समाधान है। इमरजेंसी एयरलिफ्ट का अनुरोध करने के 16 घंटे बाद बच्चे को माले लाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।'

कंपनी की सफाई

बच्चे के मरने पर लोगों ने अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर अपना गुस्सा व्यक्त किया। हालांकि, चिकित्सा निकासी के लिए जिम्मेदार कंपनी आसंधा लिमिटेड ने बयान जारी कर कहा कि जैसे ही अनुरोध की सूचना मिली, वैसे ही निकासी प्रकिया शुरू कर दी थी। हालांकि, अंतिम समय में कुछ तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से देरी हुई।

कंपनी ने बयान में आगे कहा, 'हमें बच्चे के निधन का बेहद अफसोस है। आसंधा कंपनी का पूरा प्रबंधन और कर्मचारी शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। दिवंगत की शांति के लिए हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।'

सांसद नसीम ने किया राष्ट्रपति पर हमला

मालदीव के सांसद मीकैल नसीम ने ट्वीट किया, 'भारत के प्रति राष्ट्रपति की दुश्मनी को पूरा करने के लिए लोगों को अपनी जान की कीमत नहीं चुकानी चाहिए।'

बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब मालदीव के मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद हाल ही में भारत और द्वीपसमूह राष्ट्र के बीच राजनयिक संबंध खराब हो गए हैं।

Next Story