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मध्यप्रदेश में रहना है तो राम राम कहना है

vaishali malewar
17 July 2023 9:13 AM GMT
मध्यप्रदेश में रहना है तो राम राम कहना है
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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 45 प्रकोष्ठ बनाए हैं। जिनमें से तीनों के नाम पर गौर करेंगे तो पुजारी प्रकोष्ठ, मठ मंदिर प्रकोष्ठ और धार्मिक उत्सव प्रकोष्ठ यह शामिल है। अप्रैल महीने के 2 तारीख को भोपाल में इंदिरा भवन को पूरी तरीके से भगवामय कर दिया गया था।

कर्नाटक (Karnataka) में मिली जीत के बाद कांग्रेस (Congress) ने अपनी विचारधारा से अलग जाकर सब राम भरोसे छोड़ दिया ऐसा लगता है। तभी कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी जय श्रीराम (Ram) के नारे लगने लगे हैं। दरअसल मंगलवार 6 जून को एक कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ (Kamalnath) मंच पर मौजूद थे कभी जय कमलनाथ के नारे लगने लगे कमलनाथ ने इसे रोका और लोगों से कहा कि वह जय श्री राम बोले जिसके बाद जय श्रीराम के नारे लगने लगे और कमलनाथ ने भी जोर-जोर से राम को याद किया।

इस कार्यक्रम में जो कुछ भी हुआ इससे हिंदूवादी संगठन बजरंग दल काफी खुश हैं और उन्होंने कांग्रेस (Congress) को अपना समर्थन दे दिया है। बात इस कार्यक्रम की नहीं है। बल्कि कुछ समय पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) की सॉफ्ट हिंदुत्ववादी छवि हार्डकोर होती जा रही है। और इसे देखने का एक अच्छा तरीका है। हो भी क्यों ना ! आखिर इन्हीं भगवानों के नामों से कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस की डूबती नैया पार लगाई थी। आपको याद हो कि कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) के समय भी बजरंगबली के नाम पर काफी हाय तौबा मचा था।

जिसके बाद कांग्रेस बजरंगबली के भक्त बन गए। इसका फायदा उन्हें इस तरह हुआ कि कर्नाटक में आज कांग्रेस (Congress) की सरकार है इसी वर्ष अंत में मध्यप्रदेश में भी चुनाव होने हैं। और किसी भी हालात में चाहे आइडलोजी को शिफ्ट करना पड़े चुनाव तो जितना है। कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद अपनी पहचान के लिए तरस रही है। ऐसे में चाहे राम के नारे लगाने हनुमान का भक्त बनना जो भी हो चुनाव जीतना जरूरी हो गया है। अगर आप कमलनाथ का ऑफिशियल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का ट्विटर हैंडल देखें तो और उस पर भी कमलनाथ ने खुद को हनुमान भक्त कहा है।

इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार जो बहुत कम दिन के लिए रही उसने हिंदुओं के लिए क्या-क्या किया। ट्वीट में उज्जैन के महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर के विकास, राम वन गमन पथ बनाने का प्रस्ताव और ओम सर्किट की स्थापना का जिक्र किया है।

यह तो कुछ भी नहीं मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 45 प्रकोष्ठ बनाए हैं। जिनमें से तीनों के नाम पर गौर करेंगे तो पुजारी प्रकोष्ठ, मठ मंदिर प्रकोष्ठ और धार्मिक उत्सव प्रकोष्ठ यह शामिल है। अप्रैल महीने के 2 तारीख को भोपाल में इंदिरा भवन को पूरी तरीके से भगवामय कर दिया गया था। इसका कारण था कि तब वहां पुजारी प्रकोष्ठ की बैठक थी। जहां कांग्रेस एक तरफ बीजेपी पर गांधी को छीनने का आरोप लगा रहे हैं वहीं अब कांग्रेस बीजेपी की हिंदुत्व वाली आईडियोलॉज को अपनाकर उनका सबसे बड़ा मुद्दा अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है। इस पर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की इस रणनीति से कुछ नहीं बदलने वाला लेकिन जो मध्य प्रदेश की राजनीति पर समझते हैं उनका कहना है कि बीजेपी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की इसी रणनीति के चलते नुकसान हुआ था। अब देखना होगा कि आखिर यह हिंदुत्व का एजेंडा बीजेपी को साथ दे पाएगा या कांग्रेस पर राम जी की कृपा होगी और उन्हें आगे सरकार मिलेगी।

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