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राजस्थान सरकार का मंत्रिमंडल कैसा? जानिए किसे मिलेगी तव्वजो और क्या कहते हैं जातीय समीकरण?
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा आज दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात कर मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा करेंगे। इसमें सीएम की दौड़ में शामिल रहे कुछ नेताओं को बड़े विभाग दिए जा सकते हैं।
राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन को लेकर कवायद तेज होती दिख रही है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा आज दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ इसे लेकर चर्चा करेंगे। संभावना है कि अगले हफ्ते मंडिमंडल का गठन कर लिया जाए। राजस्थान में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। भाजपा एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम बना चुकी है। ऐसे में अब 27 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। बता दें कि डिप्टी सीएम कोई संवैधानिक पद नहीं है, ऐसे में दोनों डिप्टी सीएम को भी कैबिनेट मंत्री ही बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री की रेस में रहे नेताओं को मिल सकते हैं बड़े विभाग
राजस्थान कार्मिक विभाग और डीपीआर, गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन, कानून, परिवहन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा विभाग बड़े माने जाते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की दौड़ में चल रहे विधायकों को ये विभाग दिए जा सकते हैं।
गृह मंत्री पद के दो मजबूत दावेदार
सांसद रहे बाबा बालकनाथ और किरोड़ीलाल मीणा गृह मंत्री की दौड़ में हैं। भाजपा ने जिस तरह हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ा, उसे बनाए रखने के लिए बाबा बालकनाथ को गृह मंत्री बनाया जा सकता है। बालकनाथ मुख्यमंत्री की दौड़ में भी आगे थे। वहीं, गृह मंत्री पद का दूसरा मजबूत दावेदार राज्यसभा सांसद रहे किरोड़ीलाल मीणा को माना जा रहा है। मीणा पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी चर्चा थी। सीएम के नाम के एलान के बाद सोशल मीडिया पर 'लाठी खाएं किरोड़ीलाल और सीएम बने भजन लाल' ट्रेंड भी देखने को मिला था। ऐसे में भाजपा उन्हें गृह मंत्री बनाकर मीणा समाज और पूर्वी राजस्थान को साध सकती है। भाजपा को इसका फायदा लोकसभा चुनाव में भी मिल सकता है।
नई सरकार के मंत्रिमंडल में दिखाई देगा जातीय गणित
भाजपा में एससी समाज से सबसे ज्यादा 23 विधायक हैं। राजपूत समाज से 17, एसटी से 16, ब्राह्मण 12, जाट 12, वैश्य 8, गुर्जर 5, रावत, नागर, धाकड़, कालवी और पटेल समाज से तीन-तीन विधायक हैं। इसी तरह अन्य समाजों से दो-दो और एक-एक विधायक हैं। भाजपा ने ब्राह्मण समाज से भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी पकड़ पहले ही मजबूत कर ली है। इसी तरह राजपूत और दलित समाज से डिप्टी सीएम बनाकर बड़ा सियासी संदेश दे दिया है।
गुर्जर, यादव, वैश्य समेत अन्य समाज से आने वाले विधायकों को मिलेगी तवज्जो
सरकार के मंत्रिमंडल गठन में लोकसभा चुनाव की तैयारी की झलक भी देखने को मिलेगी। भाजपा ब्राह्मण, राजपूत और दलित समाज से मुख्यमंत्री-डिप्टी सीएम बनाकर पहले ही जातीय समीकरण साध चुकी है। ऐसे में मंत्रिमंडल में अन्य समाज से आने वाले विधायकों को तवज्जो दी जा सकती है। राजस्थान में गुर्जर समाज बड़ी भूमिका में है, ऐसे में भाजपा पांच में से 2-3 विधायकों को कैबिनेट मंत्री बना सकती है। क्योंकि, पिछले कई चुनाव से गुर्जर अपने समाज के नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
दो-तीन आदिवासी नेता भी बनाए जा सकते हैं मंत्री
आदिवासी इलाके में भाजपा लगातार पिछड़ती जा रही है। क्षेत्रीय पार्टी (बीएपी) भारत आदिवासी पार्टी का आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ रहा है। भाजपा आदिवासी समाज को अपने साथ रखना चाहती है। ऐसे में इस समाज से आने वाले बड़े और नए चेहरों को मंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा में फूलसिंह मीणा प्रमुख आदिवासी नेताओं में से एक हैं। उदयपुर ग्रामीण सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं। मीणा मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। इसी तरह शंकरलाल डेचा और कैलाश मीणा को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
चार महिलाओं को बनाया जा सकता है मंत्री
विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पास कराकर एक बड़ा दांव चला था। ऐसे में भाजपा मंत्रिमंडल में भी महिलाओं की संख्या बढ़ा सकती है। मंत्री बनने की दौड़ में अनिता भदेल, सिद्धि कुमारी, नौक्षम चौधरी और दीप्ति किरण माहेश्वरी आगे चल रहीं हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल में कम से कम चार महिला विधायकों को जगह दी जा सकती है।
ये विधायक भी मंत्री पद के मजबूत दावेदार
मंत्री पद के मजबूत दावेदारों की बात करें तो ऊपर दिए नामों को छोड़कर जेठानंद व्यास, महंत प्रतापपुरी, विश्वराज सिंह मेवाड़, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, जवाहर सिंह बेडम, जोगेश्वर गर्ग, जितेंद्र गोठवाल, मदन दिलावर, हंसराज पटेल, झाबर सिंह खर्रा, पब्बाराम विश्नोई, भैराराम चौधरी, लालाराम बैरवा, लादूलाल पितलिया, जगत सिंह, हीरालाल नागर, जयदीप बिहाणी, संजय शर्मा और ताराचंद जैन समेत गोपाल शर्मा प्रमुख दावेदार हैं।
दिल्ली में फाइनल होंगे मंत्रियों के नाम
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा रविवार को दिल्ली पहुचेंगे। वहां वे पार्टी हाईकमान के नेताओं के साथ मुलाकात कर मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा करेंगे। ऐसे में यह साफ है कि मंत्री के नामों का फैसला भी दिल्ली से ही होगा। अगले हफ्ते तक राजस्थान सरकार की पूरी टीम का चेहरा सामने आ सकता है।