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नए आपराधिक कानून पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- दंड की जगह अब न्याय होगा
नई दिल्ली। देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पुराने आईपीसी-सीआरपीसी के मुकाबले इस कानून में कई अंतर हैं। इन तीन कानूनों में कई नई धाराओं को शामिल किया गया है और कई धाराओं को खत्म किया गया। इस बीच इन कानूनों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि रिमांड के दिन बढ़ा दिए गए हैं लेकिन ये सब केवल भ्रम फैलाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि 15 दिन ही रिमांड होगा लेकिन 15 दिन की अपर लिमिट होगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई आरोपी 15 दिन अस्पताल में भर्ती हो जाए तो क्या पूछताछ होगी। इसलिए 15 दिन की अपर लिमिट रखी है। अब कागज की बड़ी गड्डी की जरूरत नहीं।
उन्होंने कही कि आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से 'स्वदेशी' हो रही है। यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जा रहा है। दंड की जगह अब न्याय होगा। देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा। पहले केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी लेकिन अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी। मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि ये तीनों कानून के लागू होने के बाद सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी।
रेप के मामले में मौत की सजा में हमने चार्जशीट को भी डिजिटल किया। नए बीएनएस कानून के तहत अब चोरी के अपराध से जुड़ी आईपीसी की धारा 420 को बीएनएस में 318 बना दिया गया है। इसमें कुछ बदलाव की बात नहीं कही। अगर किसी विपक्षी नेता को कोई कमी लगती है तो वो सुझाव दे।