Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बदला सिंगल बेंच का फैसला, 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को मिला गर्भपात की इजाजत

Neelu Keshari
26 July 2024 10:44 AM GMT
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बदला सिंगल बेंच का फैसला, 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को मिला गर्भपात की इजाजत
x

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला पलट दिया है। हाईकोर्ट ने भोपाल की 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग लड़की को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। बता दें कि इससे पहले एकल पीठ ने एफआईआर को संदिग्ध मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया था।

चीफ जस्टिस सक्सेना और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि एकल पीठ की ओर से एफआईआर को संदिग्ध बताने की टिप्पणी को विलोपित किया जाए क्योंकि यह टिप्पणी बिना तथ्यात्मक प्रमाणिकता के की गई थी। अदालत ने जिला और सत्र न्यायालय भोपाल को निर्देशित किया कि वह अस्पताल में भर्ती नाबालिग पीड़िता को गर्भपात की जटिलता के संबंध में समझने के लिए महिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक टीम गठित करे।

महिला जेएमएफसी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बुधवार रात अस्पताल जाकर पीड़ित बच्ची से मुलाकात की। उसे गर्भपात की जटिलता के संबंध में जानकारी दी। मनोचिकित्सक ने जांच में पाया कि पीड़िता की मानसिक आयु 6.5 साल है। बच्ची के माता-पिता अलग-अलग रहते हैं। उसका पालन-पोषण 60 वर्षीय दादी करती है। उनकी तरफ से ही अपील की गई थी। दादा का कहना है कि वह पीड़िता और उसके बच्चे को पालने में असक्षम है।

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, भ्रूण 28 सप्ताह और पांच दिन का है जबकि एमटीपी अधिनियम के तहत 24 सप्ताह से अधिक का भ्रूण होने पर गर्भपात की अनुमति नहीं दी जाती है। युगल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि परिस्थितियों के आधार पर भी गर्भपात की अनुमति प्रदान की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की को 30 सप्ताह के भ्रूण को गर्भपात की अनुमति प्रदान की थी।

Next Story