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राम मंदिर निर्माण सदियों का सपना था, अब सच हुआ-संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण

Kanishka Chaturvedi
31 Jan 2024 1:01 PM IST
राम मंदिर निर्माण सदियों का सपना था, अब सच हुआ-संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक घंटे 13 मिनट तक अपने विस्तृत भाषण में सरकार की नीतियों और विजन का खाका खींचा। इसके बाद संसदीय प्रणाली का निर्वाह करते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप से संबोधित किया।

संसद में आज से बजट सत्र की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी। दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान राष्ट्रपति केंद्र सरकार के कामकाज और आर्थिक नीतियों की रूपरेखा संसद के पटल पर रखेंगी। अभिभाषण के बाद सरकार आज आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेगी।


आज 11 बजे से संसद सत्र की शुरुआत के बाद लोक सभा में विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश किया जाएगा। बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर राज्यसभा में भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश किए जाने का अनुमान है। राज्यसभा के पटल पर रखी जाने वाली इस रिपोर्ट में 11 सदस्यों के भविष्य का निर्धारण होने के आसार हैं। इन सांसदों पर सदन के अंदर अमर्यादित आचरण के आरोप हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में 11 सांसदों पर तख्तियां लेकर आने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए नारेबाजी करने के आरोप हैं।

एक फरवरी को वित्त मंत्री सीतारमण का बजटीय भाषण

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार का यह अंतिम बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बार पेश किया जाने वाला लेखा अनुदान बजट मूल रूप से अगली सरकार बनने तक खर्च चलाने के लिए बजटीय आवंटन करने की कवायद होगी। आर्थिक मामलों के जानकारों की मानें तो इसमें बहुत बड़े बदलावों की घोषणा किए जाने की संभावना नगण्य है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी का नया अवतार दिखा। संसद सत्र में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत 'राम-राम' के साथ की। उन्होंने कहा, वर्ष 2024 का राम-राम। साथियों इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था, उसके आखिर में एक बहुत ही गरिमापूर्ण फैसला लिया था। और वह फैसला था नारीशक्ति वंदन अधिनियम और उसके बाद 26 जनवरी को भी हमने देखा कि किस प्रकार से देश ने कर्तव्यपथ पर नारी शक्ति के सामर्थ्य को, नारी शक्ति के शौर्य को, नारी शक्ति के संकल्प की शक्ति को अनुभव किया गया।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नए संसद भवन रवाना हो चुकी हैं। शाही बग्घी में सवार होकर अंगरक्षकों के साथ नए संसद भवन पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के लोकसभा में पहुंचीं। उनके अलावा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और पीएम मोदी भी मौजूद रहे। सभी शीर्ष पदाधिकारियों के आगे-आगे सेंगोल लेकर संसदीय अधिकारी को देखा गया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ। राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रपति ने सांसदों को संबोधित किया।

बजट सत्र की शुरुआत से पहले लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने सांसदों को महिला आरक्षण कानून बनाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने एशियन गेम्स के इतिहास में सबसे अधिक मेडल, चंद्रय़ान-तीन की सफलता, राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने का जिक्र किया। राष्ट्रपति के ऐसा कहने पर सदन के भीतर मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, जो इस साल पूरी हुई है।

राष्ट्रपति के मुताबिक गुलामी के दौर में बने कानून अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के लिए सरकार ने कड़े कानूनी प्रावधान किए। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि नई संसद भवन में उनका पहला संबोधन है।

संविधान लागू होने के 75वीं वर्षगांठ, देश ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। आजादी के 75वें साल में अमृत महोत्सव मनाते हुए देश की युवा पीढ़ी ने फिर से आजादी के कालखंड को जिया। कृतज्ञ राष्ट्र ने अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया।

नए संसद भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने पहले अभिभाषण में कहा कि बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने लगातार दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहने का जिक्र करते हुए देश की आर्थिक नीतियों को शानदार बताया। उन्होंने डिजिटल इंडिया जैसी पहल की भी सराहना की।

देश के कोने-कोने से शहीदों के गांवों से दिल्ली लाई गई मिट्टी का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अमृत कलश को दिल्ली लाया जाना ऐतिहासिक लम्हा था। इसके लिए सरकार ने मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया, जो सराहनीय है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार 'न्याय-सर्वोपरि' के सिद्धांत पर काम कर रही है। देश में डिजिटल डेटा की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन कानून से देश में शोध और नवाचार यानी इनोवेशन को बल मिलेगा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से जुड़े आरक्षण कानून का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार, रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की अपनी कमिटमेंट लगातार जारी रखने में सफलता हासिल कर रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण में उद्योग जगत के लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हो रहे प्रयासों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि किसानों को लाखों करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया है। कृषि उत्पादों का निर्यात भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में, भारत ने राष्ट्र-हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते हुए देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था। आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, 'बीते दशक में, मेरी सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का मुख्य आधार बनाया है।' उन्होंने कहा कि भारत में बिजनेस करना आसान हो, इसके लिए उपयुक्त माहौल रहे, ये सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण में उद्योग जगत के लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हो रहे प्रयासों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि किसानों को लाखों करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया है। कृषि उत्पादों का निर्यात भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में, भारत ने राष्ट्र-हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते हुए देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था। आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, 'बीते दशक में, मेरी सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का मुख्य आधार बनाया है।' उन्होंने कहा कि भारत में बिजनेस करना आसान हो, इसके लिए उपयुक्त माहौल रहे, ये सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है और इसे रोकने के लिए एक कानून बनाएगी। मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने, औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए जाने सहित केंद्र सरकार के कई अन्य कदमों का भी उल्लेख किया।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत में संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए हुए प्रयासों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा, डिजिटल इंडिया का निर्माण बीते 10 साल में हुए बड़े बदलावों में अग्रणी है। आज भारत में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, जिसका सपना हर भारतीय देखता था। राष्ट्रपति ने कहा, 'सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मजबूत स्तंभों पर खड़ी होगी। उन्होंने युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब को चार स्तंभ करार दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक संकटों के बावजूद मेरी सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया।

देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मेरी सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। किसानों के लिए हो रहे प्रयासों को गिनाते हुए उन्होंने कहा, सरकार का प्रयास है कि खेती में लागत कम हो और किसानों को लाभ अधिक हो। उन्होंने कहा कि जनकल्याण की तमाम सरकारी योजनाओं से बदलाव आ रहा है। ये सिर्फ सुविधाएं भर नहीं, देश के नागरिकों के पूरे जीवन-चक्र पर इन योजनाओं का सकारात्मक असर पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि सरकार, मानव केंद्रित विकास पर बल दे रही है। हमारे लिए हर नागरिक की गरिमा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही सरकार समाज के हर वर्ग को उचित अवसर देने में जुटी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, हमारी सीमाओं से सटे गांवों को देश का अंतिम गांव माना जाता था। सरकार ने, इन्हें देश का पहला गांव बनाया। उन्होंने कहा कि आंतरिक शांति के लिए सरकार के प्रयासों के सार्थक परिणाम हमारे सामने हैं। आज मेड इन इंडिया एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण से पहलुओं का भी पूरा ध्यान रख रही है। वैश्विक मानकों पर आधारित गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने की दिशा में प्रयास भी लगातार जारी हैं। इसके लिए सरकार जीरो इफेक्ट और जीरो डिफेक्ट (zero effect zero defect) पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुए हैं। 8.5 करोड़ लोगों ने काशी दर्शन किए।


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