- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- संघ के गढ़ में...
संघ के गढ़ में कांग्रेस भरेगी हुंकार, 'हैं तैयार हम' महारैली से बजेगा 2024 का बिगुल
यह महारैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नागपुर में की जा रही है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय और ऐतिहासिक 'दीक्षाभूमि' स्थित हैं। दीक्षाभूमि में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था।
कांग्रेस पार्टी आज अपना 139वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पार्टी नागपुर में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ में 'हैं तैयार हम' नाम की महारैली के साथ कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी। इस रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी संबोधित करेंगे।
पार्टी अपने विचारधारा से कभी भी नहीं झुकने वाली: खरगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'स्थापना दिवस पर हम सब मिलकर देश को एक संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी अपने विचारधारा से कभी भी नहीं झुकने वाली है और अपने विचारधारा से आगे बढ़ेगी और यही संदेश हम नागपुर से देना चाहते हैं।'
नाना पटोले ने कही यह बात
यह महारैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नागपुर में की जा रही है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय और ऐतिहासिक 'दीक्षाभूमि' स्थित हैं। दीक्षाभूमि में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को कार्यक्रम स्थल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि यह देश के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। पार्टी केंद्र की सत्ता से भाजपा को हराने के लिए बदलाव का संदेश देगी।
लोकतांत्रिक व्यवस्था, संविधान और लोकतंत्र के चारों स्तंभ खतरे में
उन्होंने कहा था कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, संविधान और लोकतंत्र के चारों स्तंभ खतरे में हैं। इन व्यवस्थाओं को अक्षुण्ण रखना कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है। आपातकाल के बाद (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी ने नागपुर में एक जनसभा की थी और तब कांग्रेस ने विदर्भ से सभी सीटें जीती थीं। नागपुर में इतिहास दोहराया जाएगा और देश में एक बड़ा 'परिवर्तन' होगा।
भाजपा सरकार देश को सबसे निचले स्तर पर ले गई
पटोले ने कहा कि कांग्रेस के 60 साल तक सत्ता में रहने के दौरान जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी ने भारत को महाशक्ति बनाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले 10 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश को सबसे निचले स्तर पर ले गई है। जाति-धर्म के नाम पर सांप्रदायिक तनाव पैदा कर देश को पतन की ओर ले जाया गया है।