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सीएम भगवंत मान ने पंजाब में पराली जलाने से किया इंकार! कहा- पीएम मोदी अगर युक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं तो पराली का धुआं क्यों नहीं?
चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली वाले किसानों की कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसपर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएम मोदी पर निशाना ताना है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की समस्या के लिए केवल पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अगर अपने पीएम मोदी युक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं तो पराली का धुआं क्यों नहीं रुकवा सकते।
बता दें पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने डिप्टी कमिश्नरों को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस पर पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई को लेकर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तलब की है। मुख्य सचिव ने हर जिला से किसानों के खिलाफ रेवेन्यू रिकॉर्ड में की गई रेड एंट्री और एफआईआर दर्ज करने को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
सीएम मान ने आगे कहा कि पराली जलाने की समस्या पूरे उत्तर भारत की है। इसके लिए प्रधानमंत्री को पूरे उत्तर भारत के राज्यों की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए। वैसे भी पंजाब का किसान धान उगाना ही नहीं चाहता क्योंकि प्रदेश में पहले भू-जल स्तर नीचे चला गया है इसलिए धान की जगह प्रदेश का किसान वैकल्पिक खेती तलाश रहा है। मगर इसमें भी एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उस पर उचित एमएसपी नहीं दी जाती है।
सीएम मान ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए जिससे वह ऐसा ना करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे कई लोग बोलते हैं कि पंजाब में पराली जलने की वजह से प्रदूषण होता है जबकि एनजीटी के एक पूर्व रिटायर्ड जस्टिस ने बीते दिनों अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण नहीं होता है।
पीपीसीबी के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक, लगातार पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए फील्ड में मानीटरिंग की जा रही है। उन्होंने माना कि आने वाले दिनों में पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं लेकिन बोर्ड की कोशिश रहेगी कि किसानों को आग लगाने से रोका जा सके। इसके लिए अगर सख्ती बरतनी पड़ी तो वह भी की जाएगी। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में भी लगातार जागरूक किया जा रहा है।