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अतुल गर्ग के सांसद बनने पर गाजियाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय

Neelu Keshari
5 Jun 2024 8:39 AM GMT
अतुल गर्ग के सांसद बनने पर गाजियाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय
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सोनू सिंह

गाजियाबाद। गाजियाबाद में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और शहर विधानसभा से विधायक व पूर्व मंत्री अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली है। ऐसे में अतुल गर्ग के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना अब तय हो गया है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी में शहर विधानसभा का उपचुनाव लड़ने का सपना देख रहे लोगों ने अपनी कवायद तेज कर दी है। लोकसभा चुनाव में कम अंतर से मिली जीत शहर विधानसभा के चुनाव में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है।

गाजियाबाद लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का बेहद मजबूत किला माना जाता है। यहां की लोकसभा सीट से लेकर पांचों विधानसभाओं में पिछले लंबे समय से ही कुछ एक अपवादों को छोड़कर भाजपा का एक तरफा राज रहा है लेकिन हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी डॉली शर्मा ने भाजपा को उसके इस मजबूत किले में बेहद कड़ी चुनौती पेश की है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव का असर भविष्य में होने वाले शहर विधानसभा के उपचुनाव पर भी पड़ सकता है। भारतीय जनता पार्टी के दर्जनों नेताओं की नजर अब शहर विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव पर टिक गई हैं। यह सभी नेता अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं। इसी के तहत उपचुनाव लड़ने का ख्वाब देख रहे भाजपा के यह नेता अपने-अपने राजनीतिक आकाओं से संपर्क साध रहे हैं। शहर विधानसभा सीट के लिए भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष अजय शर्मा, मयंक गोयल, बलदेव राज शर्मा और पूर्व पार्षद सरदार सिंह भाटी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पूरी गंभीरता के साथ अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

वहीं प्राचीन श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी का नाम भी शहर विधानसभा उपचुनाव के संभावित दावेदारों में शामिल हो गया है। कहना बेमानी नहीं होगा कि लोकसभा चुनाव की तरह ही शहर विधानसभा का उपचुनाव भी भाजपा बनाम भाजपा ही हो सकता है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन ने यहां विपक्ष को भी बेहद मजबूत स्थिति में ला दिया है। विपक्षी दल इस बात को अब बखूबी समझ चुके हैं कि अगर मिलकर प्रयास किए जाएं तो भाजपा को हराना इतना मुश्किल भी नहीं है। भाजपा पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से 5 लाख से भी अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करती आ रही थी लेकिन इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी डॉली शर्मा से मिली चुनौती ने उसकी किलें ही हिलाकर रख दी हैं। ऐसे में राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है कि लोकसभा चुनाव में कम मार्जिन से जीत का असर शहर विधानसभा के उपचुनाव पर भी पड़ सकता है और विपक्षी एकता भाजपा की जीत में रोडा भी अटका सकती है।

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