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बॉर्डर लाइव: 25 पंचायतों में खौफ का अंधेरा... सहम गए बच्चे, आंगन में मोर्टार शेल गिरने से शहर को भागे लोग

Abhay updhyay
27 Oct 2023 6:48 AM GMT
बॉर्डर लाइव: 25 पंचायतों में खौफ का अंधेरा... सहम गए बच्चे, आंगन में मोर्टार शेल गिरने से शहर को भागे लोग
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अरनिया की बिक्रम पोस्ट सहित आठ पोस्टों पर पाकिस्तान की तरफ से रात आठ बजे शुरू हुई गोलीबारी के बाद लोग दहशत में आ गए। सुरक्षित जगह पर जाने के लिए हर किसी में अफरा तफरी मच गई। जैसे ही लोग घरों से सुरक्षित स्थानों पर निकले तो पुलिस और बीएसएफ ने उन्हें रोक दिया और लाइटें बंद कर घरों में ही रहने को कहा।

बावजूद इसके कई लोग अरनिया कस्बे की सड़कों पर आ गए। गांवों में फंसे लोगों ने कहा कि जिन लोगों के पास साधन थे वो निकल गए लेकिन साधन नहीं होने वाले यहीं फंसे हैं। रात 9:30 बजे के करीब जब ग्रामीण क्षेत्र में शेल गिरने शुरु हुए तो बच्चे सहम गए और रोना शुरु कर दिया। सबसे पहले शेल अरनिया के वार्ड नंबर 4 और 5 में गिरे।

यहां चार घरों को शेल से नुकसान पहुंचा और आंगन में किसी काम के लिए गई महिला घायल हो गई। महिला रजनी बाला के पति बलबीर सिंह ने बताया कि उनके आंगन में चार गोले गिरे हैं। धमाके इतनी जोर से हुए कि परिवार सहम गया।

मोर्टार के सप्लेंडर उनकी पत्नी के हाथों में लगे तो वह दर्द से कराह उठी। जब मोर्टार गिरे तो उसका बच्चा अंदर खेल रहा था जो अभी तक सहमा हुआ है। मेरे बच्चे को भी हलकी चोट गई है।

अगर बच्चे और पत्नी को कुछ हो जाता तो मेरा तो घर ही बर्बाद हो जाता। मैं कहां जाता। इतना कहते ही बलबीर की आंखें भीग गईं। थोड़ा संभलकर बलबीर बोला, मोर्टार शेल गिरने से घर से पास बंधी गाय भी बच गई। एक शेल ने उनके घर के दरवाजे को बीच से फाड़ दिया और रसोई में सारा सामान बिखर गया। बलबीर की तरह यह दास्तां यहां के कई ग्रामीणों के घरों की है।

लोग सड़कों और सुरक्षित स्थलों की तरफ भागे

सुखद यह है कि रात 11.30 से लेकर रात एक बजे तक गोलीबारी रुकी थी। शाम से ही सीमा पर महौल खराब होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। लेकिन जैसे ही शेलिंग शुरू हुई तो लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश करने लगे। बीएसएफ की घरों में रहने की अनाउंसमेंट से पहले ही बहुत से लोग सड़कों पर निकल पड़े और अपने-अपने इंतजाम में लग गए।

धान काटने पहुंचे मजदूरों का पलायन

गाड़ियों और बाइकों में पेट्रोल भरवाने को लेकर पेट्रोल पंपों पर भीड़ देखी गई। इसके अलावा सीमावर्ती गांवों में इन दिनों धान काटने के लिए पहुंचे मजदूर भी पलायन कर गए। मजदूरों का कहना था कि वह शहर में बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन कहीं पर रह लेगें लेकिन गांव में जाने से अब डर लग रहा है। दूसरी तरफ किसानो की भी चिंता बढ़ गई है क्योंकि सीमावर्ती 25 के करीब पंचायतों में अभी धान कटने को है।

किसानों का कहना है कि पहले बारिश की मार से धान की फसल को नुकसान पहुंचा और अब पाकिस्तान की नापाक हरकत उनका बड़ा आर्थिक नुकसान करवा देगी। उनका कहना है कि भारी गोलाबारी के चलते अगले कई दिनों तक बॉर्डर पर किसी प्रकार की मूवमेंट नहीं होने दी जाएगी।

हेल्थ विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। गोलीबारी की सूचना पर ही सभी डॉक्टरों को बुला लिया गया था। घायलों को अच्छी तरह से प्राथमिक इलाज देखर जम्मू के लिए रेफर कर दिया गया है। यहां पर इलाज की हर तरह की सुविधा है। इन घायलों को केवल सर्जरी के लिए रेफर किया गया है क्योंकि सर्जरी की सुविधा यहां नहीं है।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

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