संभल शांत सियासत अशांत! जानें विपक्ष क्यों अड़ा है संभल जाने को?
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद हिंसा को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल संभल का दौरा करना चाहते हैं। मगर पुलिस उन्हें वहां जाने से रोक रहे हैं। पुलिस का कहना है कि अभी वहां किसी के आने की इजाजत नहीं है। इस समय संभल में स्थिति शांत हो गई है लेकिन सियासी घमासान जारी है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को संभल का दौरा स्थगित करने के लिए कहे जाने पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि सरकार सोचती है कि अगर हमारे प्रतिनिधि संभल जाएंगे तो वहां अशांति फैल जाएगी। हम वहां जाकर राजनीति नहीं करना चाहते है। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल केवल मृतक के परिवार के सदस्यों से मिलने और संभल में हुई सभी घटनाओं के लिए पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी के बारे में रिपोर्ट बनाने के लिए संभल जाना चाहता था। हमारी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि मृतक के परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। हम राज्य सरकार से मुआवजा देने की मांग करते हैं।
वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्य सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि संभल फिर कब जाना चाहिए। क्या सरकार निमंत्रण भेजेंगे तब हमें जाना चाहिए। वह वहां के लोग से मिलने जा रहे हैं। उनका हाल जाने के लिए जा रहे है। इससे देश के बारे में अच्छी जानकारी नहीं मिलती है कि राजनेताओं को मिलने से रोका जा रहा हैं।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सरकार संभल में उनके द्वारा किए गए अन्याय को सामने न आने देने की पूरी कोशिश कर रही है। इसीलिए सपा के प्रतिनिधिमंडल को रोका जा रहा हैं। उन्हें लगता है कि वे सच को दबा सकते हैं लेकिन सच को कभी छिपाया नहीं जा सकता।