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आसाराम की जगी पैरोल की उम्मीद, हाईकोर्ट ने दिए अहम आदेश, 6 सप्ताह में होगा याचिका का निस्तारण
जोधपुर-- अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में जीवन की आखरी सांस तक जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम (Asaram) को उम्मीद की नई किरण दिखी है. आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में पेश की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट खंडपीठ ने इस याचिका का निस्तारण कर दिया है. हाईकोर्ट ने पैरोल कमेटी को साल 1958 पैरोल नियम के तहत आसाराम की पैरोल अर्जी का 6 सप्ताह में निस्तारण करने का आदेश दिया है.
दरअसल आसाराम की ओर से पेश की गई पैरोल अर्जी को पैरोल कमेटी में पैरोल नियम 2021 का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था. उसके बाद आसाराम की ओर से कोर्ट में एक और याचिका पेश कर गुहार की गई थी. इस याचिका में कहा गया कि आसाराम को साल 2021 से पहले सजा सुनाई गई थी. उनकी अर्जी का निस्तारण पूर्व के नियम के तहत किया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने आसाराम के अधिवक्ता की दलील से सहमत होते हुए पैरोल कमेटी को 6 सप्ताह में इसका निस्तारण करने का आदेश दिया है.
कई बदलाव हुए साल 2021 के नियम में
जानकारों के अनुसार साल 1958 के पैरोल नियम के तहत पोक्सो के आरोपी को पैरोल देने का प्रावधान था. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपनी सजा को चौथाई पूरा करने के बाद पैरोल का अधिकारी माना जाता था. लेकिन उसके बाद साल 2021 में पैरोल के नए नियम लागू हुए. उन नियमों के तहत पोक्सो सहित गंभीर अपराधों में सजा काट रहे आरोपियों को पैरोल देने का प्रावधान नहीं है
यह है पैरोल का नया नियम
यही नहीं किसी बंदी की ओर से अपनी सजा की आधी अवधि काटने के बाद उसे पैरोल का अधिकारी माना गया है. ऐसे में जस्टिस विजय विश्नोई और जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने आसाराम की अर्जी को लेकर ये निर्देश दिए हैं. कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद अब पैरोल कमेटी आसाराम की पैरोल अर्जी पर साल 1958 के प्रावधान के हिसाब से विचार करेगी. इस आदेश के बाद आसाराम की पैरोल प्राप्ति को लेकर नई आशाएं जगी हैं.
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