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पिछले कई सालों से इंतजार कर रहे इन्वेस्टर्स के पैसे फाइनली सहारा इंडिया (Sahara) वापस देने जा रहा है। इसका सबसे बड़ा श्रेय जा रहा है सरकार की नीतियों को। दरअसल गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा इंडिया (Sahara India) के निवेशकों को पैसे वापस देने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च करने के निर्देश दिए थे। जो लॉन्च हो गया है। इसके जरिए पैसों की वापसी बहुत आसानी से हो जाएगी। और 45 दिन के अंदर निवेशकों का पैसा उन्हें वापस मिल पाएगा। इसके लिए किसी भी एजेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस घर बैठे लैपटॉप कंप्यूटर या फिर हाथ में रखे हुए मोबाइल फोन पर से भी आसानी से अप्लाई किया जा सकता है।
जाने किस तरीके से वापस मिल सकते हैं पैसे
मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल लांच किया। जिसके तहत शुरुआत में चार को ऑपरेटिव सोसाइटी के करीब चार करोड़ ऐसे निवेशकों को पैसे वापस मिल सकेंगे जिनके इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है। सरकार ने रिफंड होने वाले पैसों पर 10000 रुपयों तक की कैप लगाई है। इसका मतलब यह कि पहले चरण में उन निवेशकों को पैसे वापस मिलेंगे जिनके इन्वेस्टमेंट ₹10000 है। इसलिए जिनकी इन्वेस्टमेंट 10000 से ज्यादा की है उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। इस प्रोसेस के लिए 45 दिनों का समय लगेगा।
वही अप्लाई करने के बाद सहारा ग्रुप के सभी समितियों द्वारा 30 दिन के अंदर दस्तावेजों को वेरीफाई करके ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के लिए 15 दिन के भीतर s.m.s. के जरिए निवेशकों को सूचित करना है। यह बड़ी आसानी से एप स्टोर पर अवेलेबल हो जाएगा। यह होम पेज पर इन्वेस्टर रजिस्ट्रेशन करके अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर के द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इस कारण उन सभी निवेशकों को उनका इन्वेस्ट किया हुआ खून पसीने का पैसा लंबे समय बाद ही सही पर मिल पाएगा। अभी तो बस शुरुआत है सहारा इंडिया के द्वारा जितने भी का पैसा रुका हुआ है वह पैसा इन्वेस्टर्स को वापस करने के लिए भारत सरकार कोशिश में लगी हुई है।
इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही उन सभी इन्वेस्टर्स को इसका फायदा मिले। सहारा इंडिया ही विश्वासपत्र इंवेस्टमेंट कंपनी हुआ करती थी। पर वक्त के साथ-साथ बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण यह कंपनी विवादों में फंस गई जिस कारण कई इन्वेस्टर्स के पैसे अटक गए थे। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी की थी। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने मध्यस्थता करते हुए इन्वेस्टर्स के पैसे दिलाने की कोशिश की है। कह सकते हैं केंद्र सरकार के कारण उन सभी जरूरतमंदों को उनके पैसे मिल पाएंगे।