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यूपी विधानसभा में लव जिहाद विरोधी विधेयक पास, आजीवन कारावास का प्रावधान, विपक्ष ने कहा- यह ध्यान भटकाने वाला मुद्दा

Neelu Keshari
30 July 2024 11:57 AM GMT
यूपी विधानसभा में लव जिहाद विरोधी विधेयक पास, आजीवन कारावास का प्रावधान, विपक्ष ने कहा- यह ध्यान भटकाने वाला मुद्दा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज मंगलवार को धर्म परिवर्तन या लव जिहाद विरोधी विधेयक पास हो गया है। इस विधेयक को उत्तर प्रदेश विधि धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक नाम दिया गया है। तो वहीं इस विधेयक के पास होने पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को इससे कोई भला नहीं होगा।

यूपी सरकार ने सोमवार को धर्म परिवर्तन या लव जिहाद विरोधी विधेयक विधानसभा में पेश किया था जो आज पारित हो गया है। विधानसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को विधान परिषद भेजा जाएगा। उच्च सदन से पारित होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। यूपी सरकार ने इससे पहले नवंबर 2020 में इसके लिए अध्यादेश जारी किया था। इसके बाद फरवरी 2021 में यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों से विधेयक पारित किया गया और यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 को कानूनी रूप में मान्यता मिली।

लव जिहाद विरोधी विधेयक पर पक्ष-विपक्ष का तर्क

सरकार का कहना है कि यह संशोधन विधेयक धर्म परिर्वतन के अपराध की संवेदनशीलता और गंभीरता के मद्देनजर लाया गया है। इससे विदेशी और राष्ट्रविरोधी ताकतों की संगठित साजिश रोकी जा सकेगी। सजा और जुर्माने की राशि को बढ़ाने के साथ जमानत की कड़ी शर्तों के प्रावधान भी किए गए हैं। साथ ही नाबालिग, दिव्यांग, मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को भी अपराध का शिकार होने से बचाया जा सकेगा। तो वहीं मुख्य विपक्ष दल समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा कि भाजपा केवल नकारात्मक राजनीति करना चाहती है। वह बेरोजगारी और पेपर लीक के बारे में कुछ नहीं करना चाहती। साथ ही उन्होंने कहा कि ये ध्यान भटकाने वाले मुद्दे हैं। इनसे लोगों का कोई भला नहीं होगा।

नए बिल में जानें क्या है प्रावधान

नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है। अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है। पहले मामले में शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता और भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी। लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी। इस मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है।

इन राज्यों में लागू है ये कानून

अभी तक देशभर में 10 राज्यों में धर्मांतरण या लव जिहाद विरोधी कानून लागू हो चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा शामिल हैं। पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की घोषणा किया था।

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