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पांच साल बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने की द्विपक्षीय वार्ता, भारत और चीन के बीच संबंध मधुर बनाने पर हुई साकारात्मक बातचीत

Tripada Dwivedi
23 Oct 2024 1:27 PM GMT
पांच साल बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने की द्विपक्षीय वार्ता, भारत और चीन के बीच संबंध मधुर बनाने पर हुई साकारात्मक बातचीत
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के दौरे पर है। बुधवार को पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पांच साल बाद द्विपक्षीय बैठक की। पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाकर अभिवादन स्वीकार किया।

द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। पिछले पांच सालों में यह हमारी पहली औपचारिक बैठक है। हमारे दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों ही प्राचीन सभ्यताएं हैं, प्रमुख विकासशील देश हैं और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों ही अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों के महत्वपूर्ण चरण में हैं। यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों को सर्वोत्तम रूप से पूरा करता है।

सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि हम 5 साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हम सीमा पर पिछले 4 वर्षों में उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए। मुझे यकीन है कि हम खुले दिमाग से बात करेंगे और हमारी चर्चा रचनात्मक होगी।

चीन-भारत विकासशील देशों की ताकत और एकता के लिए उदाहरण स्थापित करें

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए अधिक संवाद और सहयोग करना, अपने मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता करना महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि वे अपनी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाएं, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ाने के लिए एक उदाहरण स्थापित करें और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान दें।

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