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तिहाड़ जेल से चल पड़ी है चिट्ठी संदेशों का सिलसिला, अब मनीष सिसोदिया ने लिखा पत्र

Neelu Keshari
5 April 2024 6:57 AM GMT
तिहाड़ जेल से चल पड़ी है चिट्ठी संदेशों का सिलसिला, अब मनीष सिसोदिया ने लिखा पत्र
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नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जेल से अपने विधानसभा पटपड़गंज के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि जल्द ही वह बाहर मिलेंगे। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज वासियों को याद करते हुए अपने पत्र में कहा है कि बीते एक साल में जेल में रहते हुए आप सबके बारे में बहुत सी बातें याद आती रहती हैं। किस तरह आप सबने निस्वार्थ भाव से अपना तन-मन-धन लगाकर, ईमानदारी और देशभक्ति की राजनीति की मिसाल पेश की है। उससे जुड़ी सैकड़ों घटनाएं एक एक चेहरे के साथ मुझे खूब याद आते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आप सबकी भूमिका ऐसे ही है जैसे किसी समय लोग आजादी की लड़‌ाई के लिए अपना तन-मन-धन लगाकर देश को आजाद कराने के लिए आगे आए थे। उन्होंने उस वक्त देश को आजाद कराने का महान काम किया था। आज़ादी के 75 साल बाद, आज आप लोग देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा-अच्छे स्कूल-कॉलेज के लिए लड़ रहे हैं। जिस तरह अंग्रेजी हुकूमत की तमाम तरह की तानाशाही और जोर जुल्म के बावजूद आज़ादी का सपना सच हुआ था, वैसे ही मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन हमारे भारत के हरेक बच्चे को, राजधानी दिल्ली से लेकर दूर-दराज के गांवों तक के हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलने का सपना भी ज़रूर पूरा होगा।

मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अंग्रेजों को भी बहुत ज़्यादा घमंड था अपनी सत्ता की ताकत का। अपनी सत्ता के दम पर वे जिसे चाहते, तरह-तरह के झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे। उन्हें भी लगता था कि जेल की दीवारें आज़ादी के लिए लड़‌ने वालों का मनोबल तोड़ देंगी। उन्होंने सत्ता के अहंकार में डूबकर गांधी जी को भी कई बार कई वर्षों तक जेल में डालकर रखा था। लेकिन इतिहास गवाह है कि महात्मा गांधी जैसे संत पर झूठे आरोप और तानाशाही वाले कानून लगाकर उन्हें जेल में डालने वाले अंग्रेजी राज का सूरज डूब गया लेकिन आज गांधी जी का नाम सारी दुनिया में इतनी इज्जत से लिया जाता है कि गांधी के नाम का सूरज कभी नहीं डूबता। सत्ता के नशे में चूर इन्हीं अंग्रेजों ने नेल्शन मंडेला को भी 30 साल तक जेल में डालकर रखा लेकिन आज दुनिया जेल में डालने वाले उन तानाशाही का नहीं बल्कि मंडेला को उनकी लड़ाई के लिए याद करती है। ये लोग बहुत बड़े लोग थे। मैं तो इनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं, लेकिन ये लोग मेरी प्रेरणा है। आप सब मेरी ताकत हैं।

साथ ही उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप सबने सीमा का जितना ध्यान रखा है उसकी बातें मुझे, सीमा बताती रहती है। वह आप सबकी बात बड़े गर्व से और भावुक हो-होकर बताती है। जितना प्यार और सम्मान आप सबने मुझे दिया है उसके सामने हर पद हर सम्मान छोटा है। ये तो मैं पहले से जानता था कि आप लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। परंतु जेल जाने का अवसर नहीं आता तो यह जानने का सौभाग्य नहीं मिलता कि आपने मुझे अपने दिल में कितने बड़े पद पर बिठा रखा है इसके सामने मैं अपनी योग्यता बहुत कम पाता हूँ। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि मुझे आपके इस प्यार और सम्मान के लायक बनने के मेरी मदद करे।

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