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19वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मिलकर काम करना होगा

Tripada Dwivedi
11 Oct 2024 12:52 PM IST
19वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मिलकर काम करना होगा
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाओस दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। वियनतियाने में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के साथ ही ईस्ट एशिया सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। भारत और लाओ पीडीआर ने पीएम मोदी और लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनेक्सय सिफानदोन की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात की और तूफान मिल्टन में हुई मौतों पर शोक जताया।

19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। इसका सामना करने के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मिलकर काम करना होगा। साथ ही साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को भी मजबूत करना होगा। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। हर कोई चाहता है कि यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द शांति और स्थिरता बहाल हो। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं और मैंने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता। संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना जरूरी है। मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी। विश्वबधु का दायित्व निभाते हुए भारत इस दिशा में हरसंभव योगदान देता रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले, मैं "टाइफून यागी" से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। इस कठिन समय में, हमने ऑपरेशन सद्भाव के माध्यम से मानवीय सहायता प्रदान की है। हम म्यांमार की स्थिति पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। हम पांच सूत्री सहमति का भी समर्थन करते हैं। साथ ही हमारा मानना ​​है कि मानवीय सहायता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। साथ ही लोकतंत्र की बहाली के लिए उचित कदम भी उठाए जाने चाहिए। हमारा मानना ​​है कि इसके लिए म्यांमार को शामिल किया जाना चाहिए, अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए। पड़ोसी देश के तौर पर भारत अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा आसियान की एकता और केंद्रीयता का समर्थन किया है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में भी है। भारत की "इंडो-पैसिफिक महासागरों की पहल" और "इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक" के बीच गहरी समानताएं हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। दक्षिण चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है।

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