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राजस्थान: कोटा में दो और छात्रों ने की आत्महत्या, इस साल 22 ने गंवाई जान, डीएम ने परीक्षा पर दो महीने के लिए लगाई रोक
कोटा में विद्यार्थियों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है. यहां लगातार छात्र पढ़ाई के दबाव में मर रहे हैं. रविवार को भी दो छात्रों ने टेस्ट सीरीज में कम अंक मिलने से तंग आकर आत्महत्या कर ली. कोटा जिला कलेक्टर ने अगले दो महीने के लिए कोटा के सभी कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के समय-समय पर होने वाले टेस्ट और परीक्षाओं पर रोक लगा दी है. बच्चों के मानसिक सम्मेलन एवं सुरक्षा की व्यवस्था के तहत यह निर्णय लिया गया है.एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 3 बजे लातूर (महाराष्ट्र) निवासी आविष्कार संभाजी कासले (16) ने अपने कोटा स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. छात्र तीन साल से कोटा के तलवंडी इलाके में रह रहा था। वह यहां NEET की तैयारी कर रहा था. रविवार को वह टेस्ट देने के लिए रोड नंबर एक स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट आया था।
इसके बाद शाम 7 बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क इलाके में रहने वाले कोचिंग छात्र आदर्श (18) का शव उसके कमरे में फंदे से लटका मिला। आदर्श बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले थे। छात्रा नीट की तैयारी के लिए चार माह पहले ही कोटा आई थी। यहां लैंडमार्क इलाके में एक फ्लैट में वह अपने भाई और बहन के साथ रह रहा था. एएसपी ने बताया कि फ्लैट में अलग-अलग तीन कमरे हैं. रविवार को टेस्ट देने के बाद आदर्श अपने कमरे में चला गया था. सात बजे उसकी बहन ने उसे खाना खाने के लिए बुलाया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उसने चचेरे भाई को बुलाया।
उन दोनों ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद दोनों भाई-बहनों ने दरवाजा तोड़ दिया। आदर्श को फंदे पर लटका देख दूसरे फ्लैट में रहने वाले लोगों को जानकारी दी। इसके बाद उसे फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल ले गए। जहां उसे बचाने के लिए सीपीआर दी गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने बताया, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आदर्श को कोचिंग इंस्टीट्यूट के टेस्ट में लगातार कम नंबर मिल रहे थे। 700 में से वह सिर्फ 250 अंक ही हासिल कर पाए. इसको लेकर वह चिंतित था. माना जा रहा है कि इसी के चलते उन्होंने फांसी लगा ली. एएसपी ने कहा, अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. माता-पिता के आने के बाद कमरे की तलाशी लेंगे.
परीक्षण पर रोक
कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने 12 अगस्त को गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों को सख्त निर्देश दिए थे कि रविवार को कोई भी परीक्षा नहीं कराई जाए. इसके बावजूद रविवार को ही टेस्ट को लेकर दो छात्रों की आत्महत्या का मामला सामने आ चुका है. घटना के बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार रात को आदेश जारी किये हैं. इन आदेशों के मुताबिक, अब दो महीने तक कोई भी कोचिंग संस्थान बच्चों का कोचिंग टेस्ट नहीं लेगा. कलेक्टर ने यह आदेश एक दिन में दो बार आत्महत्या करने और टेस्ट में कम नंबर आने से परेशान होने की बात सामने आने के बाद जारी किया है. दरअसल, कोचिंग के ज्यादातर टेस्ट रविवार को होते हैं।