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कौन होगा दिल्ली का सीएम, मंथन शुरू, चौंकाने वाला नाम आ सकता है सामने

नई दिल्ली। 27 सालों बाद दिल्ली विधानसभा की कुर्सी पर बैठी भारतीय जनता पार्टी अब सीएम चेहरा तलाश रही है। इसको लेकर मंथन भी शुरू हो गया है। राजस्थान की तरह दिल्ली में भी चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है। हालांकि सीएम कौन होगा अभी इसकी पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है।
भाजपा महिला के हाथ में दिल्ली की कमान सौंपेंगी या फिर किसी अनुसूचित जाति, सिख, पूर्वांचली, जाट-गुर्जर समाज से आने वाले नेता को। हालांकि, दिल्ली प्रदेश भाजपा ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। हवाला सिर्फ विधायक दल की बैठक का दिया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री के चुनाव की बात कही जा रही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पंजाबी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह चुनाव भले ही नहीं लड़े लेकिन सभी विधानसभा में चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। दूसरी तरफ माना जा रहा है कि दिल्ली का नेतृत्व एससी समाज को देकर भाजपा पूरे देश में सियासी मैसेज देने की कोशिश कर सकती है कि वह इस वर्ग की सबसे बड़ी हितैषी है। पिछले 27 साल से दिल्ली में यह ट्रेंड देखने को मिला है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट जीतता है, वही मुख्यमंत्री बनता है। कांग्रेस के शासन काल में नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीतने वाली शीला दीक्षित लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। इसी सीट पर शीला दीक्षित को करारी शिकस्त देने के बाद अरविंद केजरीवाल भी तीन बार मुख्यमंत्री बने। यदि यह परंपरा कायम रहती है तो सबसे मजबूत दावेदारी प्रवेश वर्मा की है। प्रवेश वर्मा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा कर विधानसभा पहुंचे है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के सुपुत्र भी हैं। जाट समुदाय से भी आते है। इनके चेहरे से दिल्ली ही नहीं यूपी, हरियाणा और राजस्थान में भी पार्टी को फायदा मिलेगा।