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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुमारी अनंतन का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

DeskNoida
10 April 2025 1:00 AM IST
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुमारी अनंतन का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
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उनके परिवार में एक बेटा और चार बेटियां हैं, जिनमें से एक हैं तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल और भाजपा नेता तमिलिसाई सौंदरराजन।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तमिल भाषा के प्रखर वक्ता कुमारी अनंतन का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन बुधवार की सुबह करीब 12:15 बजे हुआ। वे तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके थे और एक समय सांसद तथा चार बार विधायक भी रहे। उनके परिवार में एक बेटा और चार बेटियां हैं, जिनमें से एक हैं तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल और भाजपा नेता तमिलिसाई सौंदरराजन।

कुमारी अनंतन को संसद में तमिल भाषा में भाषण देने का अधिकार दिलवाने में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। इस योगदान के लिए उन्हें व्यापक सराहना मिली थी। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और एमडीएमके नेता वायको ने उनके इस योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कामराज का सच्चा अनुयायी बताया और उनकी स्मृति में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि कुमारी अनंतन ने तमिल भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उन्होंने तमिलनाडु की प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण काम किए।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी, वीसीके प्रमुख थोल तिरुमावलवन और अन्य नेताओं ने भी उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। तमिलनाडु विधानसभा में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।

राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई बार पदयात्राएं की थीं, जिनकी कुल दूरी 5,548 किलोमीटर बताई जाती है। ये यात्राएं उन्होंने कामराज शासन की वापसी और गांधीवादी विचारों के प्रचार के लिए की थीं। उन्हें "त्याग की मशाल" और "इलकिया सेल्वर" जैसे विशेषणों से भी नवाज़ा गया था।

उनके प्रयासों से पोस्ट ऑफिस के मनी ऑर्डर फॉर्म में तमिल भाषा को भी जगह मिली। शराबबंदी को लेकर भी उन्होंने लगातार आवाज उठाई। एमडीएमके नेता वायको ने उनके इन प्रयासों की सराहना की।

तमिलिसाई सौंदरराजन ने भी अपने पिता को एक सच्चे, ईमानदार और सिद्धांतों पर चलने वाले नेता के रूप में याद किया, जिनका सफर एक छोटे से गांव से शुरू होकर बड़ी उपलब्धियों तक पहुंचा।

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