
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- अनोखी पहल: असम में अब...
अनोखी पहल: असम में अब ‘सास-बहू सम्मेलन’ का आयोजन, कार्यक्रम का उद्देश्य जानकर आप सोचने पर हो जाएंगे विवश

गुवाहाटी (शुभांगी)। असम में महिलाओं के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को लेकर एक अनोखी पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी है कि राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘सास-बहू सम्मेलन’ आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है कि समाज की बुनियादी इकाई परिवार में संवाद को बढ़ावा दिया जाए, खासकर सास और बहू के बीच।
दो पीढ़ियों के बीच बेहतर समझ और सामंजस्य भी विकसित
इन सम्मेलनों में महिलाएं खुलकर अपने अनुभव साझा करती हैं और परिवार नियोजन, महिला प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर खुली चर्चा की जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि इससे दो पीढ़ियों के बीच बेहतर समझ और सामंजस्य भी विकसित होता है। उनका मानना है कि जब महिलाएं मिलकर बात करती हैं, तो कई सामाजिक बंधन टूटते हैं और समाज अधिक संवेदनशील और स्वस्थ दिशा में बढ़ता है।
बाल विवाह से मुक्त कर दिया जाएगा
राज्य सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ भी सख्त अभियान चलाया जा रहा है। पिछले वर्ष इस अभियान के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां की गईं और कई केस दर्ज हुए। 2023 में पुलिस ने विशेष कार्रवाई करते हुए एक ही दिन में हजार से अधिक लोगों को बाल विवाह के मामलों में पकड़ा। राज्य सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि 2026 तक आसाम को बाल विवाह से मुक्त कर दिया जाएगा।
‘बाल विवाह उन्मूलन मिशन’
इसके साथ ही राज्य ने ‘बाल विवाह उन्मूलन मिशन’ नामक एक विशेष योजना की शुरुआत की है, जिसके लिए ₹200 करोड़ का बजट भी तय किया गया है। यह योजना समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने और युवतियों को शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर अग्रसर करने के लिए बनाई गई है।
मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि संवाद, समझ और सहभागिता से ही समाज में परिवर्तन संभव है, और इस दिशा में सास-बहू सम्मेलन एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है।