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संभल की शाही मस्जिद का नाम बदलकर जामा से जुमा मस्जिद किया गया, एएसआई ने तैयार करवाया नया बोर्ड

संभल। संभल की शाही जामा मस्जिद का नाम बदल दिया गया है। संभल की शाही जामा मस्जिद का नाम अब जुमा मस्जिद कर दिया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस संरक्षित स्मारक के नाम में बदलाव किया है। जिसके बाद एएसआई ने एक नए नाम का बोर्ड तैयार किया है। यह बोर्ड मस्जिद परिसर के बाहर लगाया जाएगा। एएसआई अधिकारियों ने नए बोर्ड को लेकर कहा है कि यह फैसला स्मारक की ऐतिहासिक पहचान को स्पष्ट करने के लिए लिया गया है
जल्द की लगेगा नया बोर्ड
एएसआई की टीम जल्दी ही मस्जिद के बाहर नया बोर्ड लगाएगी। फिलहाल यह बोर्ड वर्तमान में मस्जिद के पास बनी पुलिस चौकी में रखा गया है। नीले रंग के बोर्ड को इसलिए भी लगाया गया है इससे एएसआई की निगरानी स्पष्ट होती है और साथ ही आम जनता को भी जानकारी मिलेगी कि यह स्थल एक संरक्षित धरोहर है। बोर्ड पर नया नाम जुमा मस्जिद अंकित किया गया है। इस बदलाव के साथ अब यह विवादित स्थल अब से पूरी तरह एएसआई की निगरानी में रहेगा।
498 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धरोहर है मस्जिद
संभल में जामा मस्जिद 498 वर्ष पुरानी एक ऐतिहासिक धरोहर है। जिसकी निगरानी 104 वर्ष से पुरातत्व विभाग के द्वारा की जा रही है। जिस लिए टीम सर्वे करने के लिए भी आती रहती है। बिना अनुमति के कोई कार्य किया नहीं जा सकता है। संभल जामा मस्जिद का उल्लेख बाबर नामा में मिलता है। कहा जाता है कि 1526 में मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था। बाबर के आदेश पर इसका निर्माण किया गया था। उस समय बाबर ने हुमायूं को संभल जागीर दी थी। लेकिन बाद में हुमायूं के बीमार होने के बाद वह संभल जागीर से लौट गया था।
हिंदू पक्ष का दावा
हिंदू पक्ष का दावा है कि मंदिर को खंडित कर मस्जिद का निर्माण किया गया। उस समय बाबर के इशारे पर ऐसा किया गया। आइना-ए-अकबरी में भी इस मस्जिद का उल्लेख किया गया है।