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पटौदी खानदान के 10वें नवाब सैफ अली खान की रियासत का गौरवशाली इतिहास! अफगानिस्तान से आए थे पूर्वज

Tripada Dwivedi
16 Jan 2025 1:45 PM IST
पटौदी खानदान के 10वें नवाब सैफ अली खान की रियासत का गौरवशाली इतिहास! अफगानिस्तान से आए थे पूर्वज
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मुंबई। बॉलीवुड के 'नवाब' सैफ अली खान बीती रात हमले के शिकार हो गए। चोरी के इरादे से घर में घुसे अपराधी ने सैफ पर चाकू से कई वार किये जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सैफ को 6 जगह चोटें आई हैं जिनमें से 2 घाव गहरे हैं। इलाज के बाद डॉक्टर ने बताया कि अब वह खतरे से बाहर हैं। वह ICU में अभी भर्ती है। अभी उनसे मिलने उनकी पत्नी करीना कपूर भी अस्पताल पहुंच गई हैं।

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान न सिर्फ एक मशहूर फिल्म अभिनेता हैं, बल्कि वह पटौदी रियासत के 10वें नवाब भी हैं। हालांकि, उन्होंने यह खिताब औपचारिक रूप से नहीं अपनाया, लेकिन अपने परिवार की शाही परंपरा और विरासत का सम्मान किया। उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी 9वें नवाब थे, जो अपने समय के महान क्रिकेटरों में से एक रहे।



पटौदी रियासत की स्थापना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

पटौदी रियासत की स्थापना 1804 में हुई थी। यह हरियाणा के गुरुग्राम जिले में स्थित है और अरावली की पहाड़ियों के बीच बसी है। पटौदी रियासत के पहले नवाब फैज तलब खान थे, जिनके पूर्वज अफगानिस्तान से आए थे। कहा जाता है कि उनके पूर्वज सलामत खान 1480 के आसपास भारत आए थे। मुगलों के प्रति वफादारी और युद्धों में बहादुरी के कारण उनके वंशजों को दिल्ली और राजस्थान में जमीनें मिलीं, जिस पर पटौदी रियासत का निर्माण हुआ।



पटौदी रियासत के पहले आठ नवाब

पटौदी रियासत के नवाबों की वंशावली में फैज तलब खान के बाद दूसरे नवाब अकबर अली सिद्दिकी खान बने। फिर मोहम्मद अली ताकी सिद्दिकी खान, मोहम्मद मोख्तार सिद्दिकी खान, मोहम्मद मुमताज सिद्दिकी खान, मोहम्मद मुजफ्फर सिद्दिकी खान और मोहम्मद इब्राहिम सिद्दिकी खान इस पद को संभालते रहे। 8वें नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी थे, जो एक मशहूर क्रिकेटर भी थे। उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से भी टेस्ट खेला और बाद में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया।

मंसूर अली खान पटौदी: क्रिकेट के 'टाइगर'

मंसूर अली खान पटौदी, जिन्हें प्यार से 'टाइगर पटौदी' कहा जाता था, पटौदी रियासत के 9वें नवाब थे। वह भारतीय क्रिकेट के सबसे महान कप्तानों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने मात्र 21 वर्ष की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाली और 40 टेस्ट मैचों में टीम का नेतृत्व किया। उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार विदेशी धरती पर टेस्ट मैच जीतने का गौरव हासिल किया।

सैफ अली खान का शाही विरासत से जुड़ाव

मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद सैफ अली खान को पटौदी का 10वां नवाब घोषित किया गया। हालांकि, भारत सरकार द्वारा 1971 में रियासतों और नवाबी उपाधियों को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया था, फिर भी सैफ ने पारिवारिक परंपरा और सम्मान के तौर पर यह जिम्मेदारी स्वीकार की।

पटौदी पैलेस: शाही विरासत का प्रतीक

पटौदी पैलेस, जिसे 'इब्राहिम पैलेस' भी कहा जाता है, पटौदी परिवार की शाही विरासत का जीवंत प्रमाण है। यह भव्य महल 180 साल पुराना है और इसकी स्थापत्य कला देखते ही बनती है। मंसूर अली खान पटौदी का निधन 2011 में हुआ और उन्हें इसी पैलेस के परिसर में दफनाया गया। इस आलीशान महल में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। रणबीर कपूर की एनिमल (2023), मेरे ब्रदर की दुल्हन (2011), जूलिया रॉबर्ट्स की ईट प्रे लव (2010), मंगल पांडे (2005) और वीर ज़ारा (2004) जैसी फिल्में इस भव्य स्थान पर फिल्माई गईं थीं।

सैफ अली खान के बेटे तैमूर की क्रिकेट में रुचि

सैफ अली खान ने भले ही अपने पिता की क्रिकेट विरासत को आगे नहीं बढ़ाया, लेकिन वह अपने बेटे तैमूर को इस खेल के प्रति प्रेरित कर रहे हैं। तैमूर को इंग्लैंड में क्रिकेट की ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है और सैफ अक्सर अपने पिता के क्रिकेट के किस्से तैमूर को सुनाते हैं। सोशल मीडिया पर तैमूर की क्रिकेट ट्रेनिंग के वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिससे उनकी क्रिकेट के प्रति रुचि साफ झलकती है।

सैफ अली खान के नाम का अर्थ

सैफ अली खान का नाम अरबी भाषा से लिया गया है। 'सैफ' का अर्थ तलवार या रक्षक होता है, जबकि 'अली'* का अर्थ उच्च या महान होता है। यह नाम उनकी शाही विरासत और रक्षक के गुणों को दर्शाता है। सैफ अली खान सिर्फ बॉलीवुड के एक सफल अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक शाही वंश के प्रतीक हैं।


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