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आतंकी संगठनों की बैठक में सेना की वर्दी पहनकर जाता था तहव्वुर राणा, एनआईए की पूछताछ में बताई अपनी जिन्दगी की कुछ दास्तां...

नई दिल्ली। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए की पूछताछ जारी है। इस पूछताछ में राणा ने कई खुलासे किए हैं। राणा ने बताया कि आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा की बैठक में वह सेना की वर्दी पहनकर पहुंचता था। इसके अलावा तहव्वुर राणा ने एनआईए को अपने परिवार के बारे में भी जानकारी दी।
जांच में तहव्वुर राणा ने क्या बताया?
जानकारी के मुताबिक एनआईए की पूछताछ में तहव्वुर राणा ने बताया कि वह पाकिस्तान के चीचावतनी गांव का मूल निवासी है और उसके पिता स्कूल प्रिंसीपल हैं। राणा का एक भाई पत्रकार और दूसरा पाकिस्तानी सेना में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ है। उसने अपनी पढ़ाई कैडेट कॉलेज से की है और मुंबई हमले में उसका साथी डेविड हेडली भी उसके साथ स्कूल में पढ़ता था।
तहव्वुर राणा के पास मेडिकल डिग्री है, जिससे वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में नौकरी कर चुका है। उसकी पत्नी समराज राणा अख्तर भी एक डॉक्टर है। सेना की नौकरी छोड़ने के बाद साल 1997 में तहव्वुर राणा कनाडा में बस गया था, जहां उसने इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की। इसी फर्म के जरिए राणा ने डेविड हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी।
आतंकी संगठनों से कैसे जुड़ा था राणा?
तहव्वुर राणा ने पूछताछ में बताया कि उसे अपनी सेना की नौकरी से बेहद प्यार था। उसने खुलासा किया कि इसी दौरान वह आईएसआई के संपर्क में आया। जिसके बाद वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा। इन संगठनों की बैठक में वह सेना की वर्दी पहनकर जाया करता था और अक्सर उनके कैंपों के दौरे किया करता था। इसके अलावा राणा मुंबई हमलों के एक और मुख्य साजिशकर्ता मेजर इकबाल से भी मिला था। मेजर इकबाल आईएसआई का अधिकारी है और उसने हमले के लिए वित्तीय सहायता दी थी। वही डेविड हेडली का मुख्य हैंडलर भी है।