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बोले राहुल-नेहरू ने मुझे राजनीति नहीं, सच के साथ खड़े होना सिखाया, जानें इंदिरा और राजीव को लेकर क्या कहा

Varta24 Desk
19 April 2025 5:15 PM IST
बोले राहुल-नेहरू ने मुझे राजनीति नहीं, सच के साथ खड़े होना सिखाया, जानें इंदिरा और राजीव को लेकर क्या कहा
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नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अक्सर अपने बयान को लेकर छाए रहते हैं। वहीं अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। जिसकी फिलहाल चर्चा हो रही है। इस दौरान उन्होंने अपनी राजनीति को लेकर बात की है। इस दौरान राहुल ने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर कहा कि नेहरू ने मुझे राजनीति नहीं सिखाया है। इतना ही नहीं राहुल ने आगे कहा कि उन्होंने मुझे डर का सामना करना और सच के साथ खड़े होना सिखाया है।

'सच की खोज' ही सबसे बड़ी विरासत

वहीं राहुल ने इस दौरान बताया कि राजनीति उनके लिए सत्ता या छवि बनाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सच की तलाश है। उन्होंने अपने परिवार की विरासत और विचारधारा को भी विस्तार से समझाया।

राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू ने हमें सिखाया कि कैसे अत्याचार का विरोध करना चाहिए और सच के साथ खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 'सच की खोज' ही सबसे बड़ी विरासत है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह सोच उनके पूरे परिवार में रही है।

मैं झूठ नहीं बोल सकता

वहीं राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आज के दौर में सच बोलना आसान नहीं है। आज लोग सच नहीं सुनना चाहते। राजनीति में यह आसान है कि जो लोग सुनना चाहते हैं, लेकिन मेरी आत्मा ऐसा करने की इजाजत नहीं देती। मैं झूठ नहीं बोल सकता, चाहे मुझे नुकसान ही क्यों न हो। उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों की तुलना करते हुए कहा कि गांधी जी अपने अंदर झांकते थे और नेहरू जी दुनिया और भविष्य को समझना चाहते थे।

वे सिर्फ वही करते थे जो उन्हें सही लगता था

वहीं राहुल ने आगे कहा कि मेरी दादी इंदिरा गांधी कभी खुद को सिर्फ एक राजनेता नहीं मानती थीं। वो बस अपना जीवन पूरी सच्चाई के साथ जीती थीं। मैं भी खुद को राजनेता नहीं मानता, मैं एक ऐसा इंसान हूं जो सच की तलाश में है। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी इस बात की परवाह नहीं करते थे कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। वे सिर्फ वही करते थे जो उन्हें सही लगता था। वे इस बात से प्रेरित नहीं होते थे कि 20-30 साल बाद लोग क्या कहेंगे। हालांकि राहुल ने आगे कहा कि मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी, सभी ने राजनीति को एक सत्य की खोज के रूप में देखा, न कि केवल पद या लोकप्रियता पाने के रूप में।

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