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राहुल गांधी ने फिर जताई जातिगत जनगणना की इच्छा, भाजपा ने दिया करारा जवाब

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति जनगणना की मांग दोहराई है। उन्होंने इसे असमानता और भेदभाव की सच्चाई सामने लाने के लिए जरूरी कदम बताया है।
राहुल गांधी ने यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट और वीडियो के जरिए दिया। इस वीडियो में उनकी बातचीत पूर्व यूजीसी अध्यक्ष और शिक्षाविद् सुखदेव थोराट से हो रही है।
गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रोफेसर थोराट से महाड सत्याग्रह और दलितों के प्रशासन, शिक्षा, नौकरशाही और संसाधनों तक पहुंच के संघर्ष पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि 20 मार्च 1927 को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने महाड सत्याग्रह के जरिए जातिगत भेदभाव को सीधी चुनौती दी थी। यह केवल पानी के अधिकार की लड़ाई नहीं थी, बल्कि समानता और सम्मान के लिए संघर्ष था।
राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई 98 साल पहले शुरू हुई थी और आज भी जारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना असमानता और भेदभाव की सच्चाई उजागर करने का एक अहम तरीका है, जिसे कुछ लोग सामने नहीं आने देना चाहते। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर का सपना अब भी अधूरा है और यह लड़ाई सिर्फ अतीत की नहीं, बल्कि आज की भी है, जिसे पूरी ताकत से लड़ा जाएगा।
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे चौंकाने वाला बताया। पार्टी नेता सीआर केसवन ने कहा कि राहुल गांधी की यह टिप्पणी कांग्रेस की वंशवादी और सामंती सोच को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा मेहनत और प्रतिबद्धता के दम पर आगे बढ़ने वाले एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के नेताओं का अपमान किया है।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता हमेशा से दलित विरोधी रही है और उसने हमेशा प्रतिभा को दबाने की कोशिश की है।