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भारतीय क्रिकेटरों की फॉर्म पर सवाल: क्या चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 में टीम इंडिया वापसी कर पाएगी?

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। सीनियर और युवा खिलाड़ी दोनों ही इस समय फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में भी भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भारत आगामी आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगा।
पिछले साल की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा। टीम की बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी साफ नजर आई। इसके बाद रणजी ट्रॉफी 2025 में भी भारतीय टीम का फ्लॉप शो का सिलसिला जारी है।
भारतीय खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी 2025 में भी निराशाजनक प्रदर्शन कर रहे हैं। युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत सौराष्ट्र के खिलाफ दिल्ली टीम से खेलते केवल 1 रन बनाकर आउट लौट गए। इसके अलावा पंजाब की टीम के ओपनर शुभमन गिल भी बल्ले से फ्लॉप रहे। कर्नाटक के खिलाफ मैच में पंजाब की टीम 55 रन पर सिमट गई। कप्तान शुभमन गिल 8 गेंदों का सामना करते हुए 4 रन बनाकर चलते बने। बता दें, कि चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 में शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया गया है।
इतना ही नहीं, रोहित शर्मा भी रणजी ट्रॉफी में 10 साल बाद वापसी पर बल्ले से फ्लॉप रहे। रोहित केवल 3 रन बनाकर चलते बने। उनके अलावा यशस्वी भी 4 रन ही बना सके। श्रेयस अय्यर 12 रन बना पाए और रहाणे 11 रन की पारी खेलकर आउट हुए।
क्या युवा खिलाड़ियों पर बढ़ा दबाव?
भारतीय टीम के युवा खिलाड़ी, जैसे यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल को भविष्य का स्टार माना जा रहा है, लेकिन हालिया प्रदर्शन ने उनकी मानसिक और तकनीकी तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 में भारत को मजबूत टीमों का सामना करना है। खराब फॉर्म का सिलसिला टूर्नामेंट में जारी रहा तो भारतीय टीम के लिए खिताब जीतना मुश्किल हो सकता है।
क्या बदलाव की जरूरत है?
भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को खिलाड़ियों के फॉर्म और मानसिक स्थिति को लेकर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौके दिए जाने चाहिए। साथ ही, सीनियर खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेते हुए युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना होगा।
हालांकि, भारतीय टीम के पास अब भी समय है। यदि खिलाड़ी खुद पर काम करें और आत्मविश्वास हासिल करें, तो चैंपियन्स ट्रॉफी में वापसी संभव है। लेकिन इसके लिए खिलाड़ियों को जल्द ही अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा।