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शंभू बॉर्डर पर चला बुल्डोजर, कई किसान नेता हिरासत में

पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे कुछ किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डाल्लेवाल शामिल हैं।
मोहाली में किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के बाद पुलिस ने इन नेताओं को रोका। वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई बैठक के बाद शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे थे।
इसके साथ ही, पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर उनके अस्थायी ढांचे भी बुल्डोजर से तोड़ दिए। इन इलाकों से भी कई किसानों को हिरासत में लिया गया।
क्या कहती है सरकार
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने के लिए यह कार्रवाई की गई। चीमा ने कहा, "हम शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलना चाहते हैं। किसानों की मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं, इसलिए उन्हें दिल्ली में या किसी अन्य स्थान पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, न कि पंजाब की सड़कों को अवरुद्ध करना।"
गौरतलब है कि किसानों को दिल्ली जाने से रोके जाने के बाद वे बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं।
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने इस कार्रवाई को "किसान आंदोलन पर हमला" करार दिया।
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने भी इसे "लोकतंत्र विरोधी और किसान नेताओं के साथ विश्वासघात" बताया।
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से जवाब मांगते हुए कहा, "बैठक के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए?"
शिरोमणि अकाली दल ने सभी किसान नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की और आरोप लगाया कि "केंद्र सरकार और भगवंत मान सरकार मिलीभगत में काम कर रही हैं।"
बैठक रही बेनतीजा
इस बीच, केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने इसे "सकारात्मक माहौल" में हुई चर्चा बताया।