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98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में पीएम मोदी का संबोधन, मराठी भाषा को बताया ‘अमृत से भी मीठी’
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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शिरकत की। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने मराठी भाषा, साहित्य और संस्कृति की गौरवशाली परंपरा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सिर्फ एक भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और देश की 147 साल की यात्रा का गवाह रहा है।
पीएम मोदी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के निमंत्रण पर इस कार्यक्रम में शामिल होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। मैं आप विद्वानों जितना मराठी में पारंगत नहीं हूं, लेकिन मैंने मराठी सीखने और बोलने का निरंतर प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के फैसले पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 12 करोड़ से अधिक मराठी भाषी लोग हैं और दशकों से मराठी को यह मान्यता मिलने का इंतजार था। इस ऐतिहासिक निर्णय को पूरा करने का अवसर मिलने को उन्होंने अपना सौभाग्य बताया।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना का जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की धरती पर एक महान मराठी भाषी व्यक्ति ने 100 साल पहले आरएसएस की नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि आज यह संगठन अपने शताब्दी वर्ष का जश्न मना रहा है और मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि लाखों अन्य लोगों की तरह मुझे भी आरएसएस ने राष्ट्र सेवा की प्रेरणा दी है।