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please! मुझे बच्चों के इलाज तक भारत में रुकने दीजिए...भारत और पाक से गुहार लगाने वाली महिला का जानिए दर्द

Varta24 Desk
26 April 2025 2:28 PM IST
please! मुझे बच्चों के इलाज तक भारत में रुकने दीजिए...भारत और पाक से गुहार लगाने वाली महिला का जानिए दर्द
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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, एक पाकिस्तानी नागरिक ने अपने बच्चों के इलाज को पूरा करने के लिए भारत में कुछ और दिन ठहरने की गुहार लगाई है। इस परिवार के दो छोटे बच्चे गंभीर हृदय रोग से पीड़ित हैं और उनका इलाज दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में चल रहा है।

वीजा सुविधा रद्द होने से इलाज पर संकट

यह परिवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद से आया है। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) वीजा की सुविधा रद्द कर दी गई थी, जिससे कई पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा प्रभावित हुए हैं। इसी वजह से इस परिवार को भी जल्द से जल्द भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

सर्जरी तय, लेकिन तत्काल लौटने का दबाव

बच्चों के पिता ने बताया कि उनके 9 और 7 साल के बच्चे जन्मजात हृदय संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं। दिल्ली में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिलने के चलते ही वे इलाज के लिए भारत आए थे। उन्होंने कहा, “बच्चों की सर्जरी अगले सप्ताह तय है, लेकिन अब हमें तुरंत लौटने के लिए कहा जा रहा है।”

अस्पताल का सहयोग लेकिन प्रशासन का दबाव

उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल और डॉक्टरों का रवैया काफी सहयोगात्मक रहा है, पर पुलिस और विदेश विभाग के निर्देशों के चलते उन्हें जल्द रवाना होना पड़ रहा है। इस स्थिति से परेशान होकर उन्होंने दोनों देशों की सरकारों से अपील की है कि इलाज पूरा होने तक उन्हें भारत में रुकने दिया जाए। “हमने अब तक यात्रा, ठहरने और इलाज पर करीब 10 मिलियन खर्च किए हैं।

वाघा सीमा से लौटे भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक

इस बीच, वाघा सीमा से कई भारतीय नागरिक भी भारत लौटे जबकि कई पाकिस्तानी नागरिक भारत से पाकिस्तान वापस गए। इस दौरान बलूचिस्तान से आई एक सात सदस्यीय पाकिस्तानी हिंदू परिवार भी लौटते समय वीजा रद्द होने की जानकारी मिलने पर हैरान रह गया।

आतंकी हमले के बाद कड़े फैसले

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के समर्थित संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी। इसके जवाब में भारत सरकार ने सुरक्षा समिति की बैठक के बाद अटारी सीमा चौकी को बंद करने समेत कई सख्त फैसले लिए।

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