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फीस बढ़ोतरी को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा, डीपीएस द्वारका के बाहर प्रदर्शन

दिल्ली के द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल के बाहर मंगलवार को कई अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि स्कूल की बढ़ती फीस ने आम लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री अशिष सूद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने 'मॉडर्न स्कूल केस' में आदेश दिया था कि दिल्ली के किसी भी निजी स्कूल को फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेनी होगी। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि इस आदेश को 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट से रद्द करवाया गया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में जहां भी गड़बड़ी हुई है, वहां जांच होगी और अगर किसी ने गलत तरीके से पैसे लिए हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में एक समिति बनाई जाएगी जो सभी स्कूलों की जांच करेगी और यदि कोई स्कूल मानकों पर खरा नहीं उतरता है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इससे एक दिन पहले, आम आदमी पार्टी की नेता और विपक्ष की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा था। उन्होंने मांग की थी कि जब तक स्कूलों के खातों की ऑडिट नहीं होती, तब तक कोई भी स्कूल अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस ना वसूल करे।
आतिशी ने यह भी कहा कि जो भी स्कूल फीस बढ़ाने की अनुमति मांगते हैं, उनके सभी खातों की कैग द्वारा पैनल में शामिल ऑडिटरों से तय समय में जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि 1-2% की फीस बढ़ोतरी भी तभी मानी जाए जब स्कूल अपने खर्चों को बिना बढ़ी फीस के पूरा ना कर सके।
उन्होंने यह दोहराया कि शिक्षा को व्यापार नहीं बनाया जा सकता और निजी स्कूलों में मुनाफाखोरी को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के दौरान फीस पर सख्त नियंत्रण था, लेकिन नई सरकार के आते ही निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूलने लगे हैं।
आतिशी ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं क्योंकि फीस इतनी बढ़ा दी गई है कि वह इसे चुका नहीं पा रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस मामले में जल्दी कार्रवाई की जाए ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके।