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मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन पर विपक्ष की असहमति, राहुल गांधी ने चुनावी स्वतंत्रता पर उठाए सवाल
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नई दिल्ली। अगले चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर गठित समिति की बैठक के दौरान विपक्ष के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को एक असहमति पत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने इस प्रक्रिया में कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त स्वतंत्र चुनाव आयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
बता दें, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के तौर पर ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लग गई है। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
इसे लेकर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए मोदी सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटा दिया है। इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर करोड़ों मतदाताओं की चिंताएं और गहरा गई हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि उनका कर्तव्य है कि वे संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर और अन्य संस्थापक नेताओं के आदर्शों की रक्षा करें और सरकार को जवाबदेह ठहराएं। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है, तो ऐसे समय में आधी रात को मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का निर्णय लेना अपमानजनक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अशिष्टता है।
गौरतलब है कि समिति की संरचना और प्रक्रिया को लेकर न्यायालय में चुनौती दी गई है और आगामी 48 घंटे के भीतर इस पर सुनवाई होनी है। विपक्ष के इस कड़े रुख ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर एक नई बहस छेड़ दी है।