Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बयान, कहा- संसद को बंद कर देना चाहिए, जानें पूरा मामला

Varta24Bureau
19 April 2025 2:41 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बयान, कहा- संसद को बंद कर देना चाहिए, जानें पूरा मामला
x
राष्ट्रपति के पास किसी भी फाइल को अनिश्चित काल तक अपने पास लंबित रखने का अधिकार नहीं है- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पॉकेट वीटो और वक्फ संशोधन कानून पर फिलहाल बहस छिड़ी हुई है। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट भी इसके चलते आमने-सामने आ गए हैं। वहीं अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बयान सामने आया है। सांसद ने अपनी एक्स पोस्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट पर तंज कसा है।

क्या कहा निशिकांत दुबे ने?

दरअसल, झारखण्ड के गोड्डा क्षेत्र से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि कानून अगर सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा, तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए। बता दें सांसद का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के पॉकेट वीटो और वक्फ कानून को लेकर हालिया आदेशों के बाद आया है।

इसके अलावा हाल ही में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कहा था कि मुझे पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखह नहीं देगा। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। अगर कल सरकार न्यायपालिका में दखल देती है, तो अच्छा नहीं होगा। शक्तियों का बंटवारा अच्छी तरह से परिभाषित हो।

वक्फ को लेकर कोर्ट में सुनवाई

केंद्र सरकार ने 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं के मामले में अतंरिम आदेश जारी करने से पहले उनकी दलील सुनी जाएं। सरकार की अपील को सुनते हुए कोर्ट ने अतंरिम आदेश पारित नहीं किया, जिसके बाद 17 अप्रैल को सुनवाई हुई। जवाब देने के लिए एक हफ्ते की मोहलत मांगी गई और एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने अतंरिम आदेश की तारीख आगे बढ़ा दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की एंट्री और वक्फ बाय यूजर संपत्तियों में किसी तरह के बदलाव पर केंद्र का जवाब आने तक रोक लगा दी।

पॉकेट वीटो पर भी हो रहा विवाद

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक और बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, कोर्ट ने आदेश दिया कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए प्रेषित विधेयकों पर तीन महीने के अंदर विचार करके निर्णय लेना होगा। कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी लिखा कि राष्ट्रपति के पास किसी भी फाइल को अनिश्चित काल तक अपने पास लंबित रखने ('पॉकेट वीटो') का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार इस फैसले से असहमत है और उनका मानना है कि इससे राज्यपाल की संवैधानिक भूमिका सीमित हो जाती है।

Next Story