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Kedarnath Heli Service: आज से हेली सेवा की बुकिंग शुरू, जानें बुकिंग करते समय किन-किन बातों का रखना है ध्यान, क्योंकि साइबर ठग हैं सक्रिय

Aryan
8 April 2025 2:47 PM IST
Kedarnath Heli Service: आज से हेली सेवा की बुकिंग शुरू, जानें बुकिंग करते समय किन-किन बातों का रखना है ध्यान, क्योंकि साइबर ठग हैं सक्रिय
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पिछले साल 85 फर्जी वेबसाइट और 45 फेसबुक पेज साइबर पुलिस ने बंद कराए थे

देहरादून। केदारनाथ हेली सेवा के लिए आज से बुकिंग शुरू हो रही है। इंटरनेट पर साइबर ठगों का जाल भी बिछा है। पिछले साल 85 फर्जी वेबसाइट और 45 फेसबुक पेज साइबर पुलिस ने बंद कराए थे। फर्जीवाड़े के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब मंगलवार से हेली सेवा की बुकिंग शुरू हो रही है। हर साल हेली सेवाओं के नाम पर साइबर ठगों के द्वारा देशभर के लोगों से ठगी की जाती है।

ठग केदारनाथ हेली सेवा बुक करने के नाम पर लोगों से हजारों रुपये लेकर उन्हें फर्जी टिकट तक भेज देते हैं। फर्जीवाड़े पर अंकुश के लिए इस बार पहले से साइबर थाने में चार लोगों की टीम गठित कर दी गई है। टीम का पर्यवेक्षण सीओ साइबर अंकुश मिश्रा करेंगे।

आईआरसीटीसी की वेबसाइट से करें टिकट बुक

पिछले साल से सरकार ने आईआरसीटीसी को टिकट बुकिंग का काम सौंपा था। ऐसे में केवल इसी वेबसाइट www.heliyatra.irctc.co.in से टिकट बुक किए जा रहे हैं। इस वर्ष भी यह जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को ही सौंपी गई है। इस वेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है। जबकि, फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया विज्ञापनों में मोबाइल नंबर दर्ज होता है। ताकि, लोग इस पर फोन करें और ठग उन्हें अपनी बातों में फंसा लें। इसलिए आप बस इसी वेबसाइट पर टिकट बुक कर सकते हैं।

45 फेसबुक पेज हुए थे बंद

साइबर ठगों ने जून 2024 तक 45 फेसबुक और 82 वेबसाइट को बंद करा दिया था। साइबर ठगों ही 82 वेबसाइटइन पर भी हेली सेवाओं को बुक करने संबंधी विज्ञापन दिखाए गए थे। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस साल शुरुआत में ही साइबर थाने में चार अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी गई है। यह टीम हर वक्त इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर विज्ञापन वाले पेज व पोस्ट आदि की निगरानी करेगी। ताकि, समय रहते इन सभी वेबसाइट और पेज को बंद कराया जा सके।

साइबर ठगों का जाल, कैसे फंसाते हैं

- हेली कंपनियों के लोगों और नाम का करते हैं इस्तेमाल।

- साइबर ठग अधिकारिक वेबसाइट के तरह वेबसाइट बनाते हैं।

- इन वेबसाइट पर कांटेक्ट अस नाम के कॉलम में मोबाइल नंबर दर्ज होता है। जबकि, असल वेबसाइट में कोई मोबाइल नंबर नहीं है।

- फर्जी वेबसाइट पर भले ही आपने भुगतान कर दिया, लेकिन इसकी जानकारी आपको हेली सेवा प्रदाता कंपनियों से नहीं मिलेगी।

लुभावने आफॅर देते है

- फर्जी वेबसाइट पर लोगों को लुभावने आफॅर दिए जाते हैं। जिसमें टिकटों के प्राइस में छूट, एक के साथ एक फ्री आदि शामिल होते हैं।

- असल वेबसाइट पर एक निर्धारित पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल होता है, जबकि नकली वेबसाइट पर ठग अपने पर्सनल खातों में पैसा जमा कराते हैं।

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