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HOLI : भारतीय संस्कृति दान देकर, बांट कर खाने में विश्वास करती है : योगी प्रवीण आर्य

Neeraj Jha
12 March 2025 9:20 PM IST
HOLI : भारतीय संस्कृति दान देकर, बांट कर खाने में विश्वास करती है : योगी प्रवीण आर्य
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-योग परिवार होली मंगल मिलन समारोह हर्षोल्लास से सम्पन्न

ग़ाज़ियाबाद। अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान सन्त निवास कक्षा द्वारा योग परिवार होली मंगल मिलन समारोह फिजिकली एवं ऑनलाइन सन्त निवास,सीईएफ ब्लॉक,नेहरू नगर मे हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ।

योगी प्रवीण आर्य ने ओ३म् की ध्वनि एवं गायत्री मन्त्र से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने होली के महत्व पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि होली मनाने का सही विधान,वसन्त ऋतु के नये अन्न को यज्ञ (हवन) में आहुति देकर ग्रहण करना है।क्योंकि भारतीय संस्कृति दान देकर,बाँट कर खाने में विश्वास करती है। उन्होंने साधकों को शुभ कामनायें एवं आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखद एवं सफल जीवन की प्रभु से प्रार्थना की साथ ही एक गीत 'जो होली, सो होली, भुला दो उसे,आज मिलने मिलने का त्यौहार है' सुनाकर भावविभोर कर दिया।

योग सत्र में योगाचार्य नेतराम ने धार्मिक गीतों पर एरोबिक्स का अभ्यास कराया,पश्चात शवासन में विश्राम कराया एवं होली के संदर्भ में अपने विचार रखे। होली मिलन समारोह के मुख्य अतिथि समाजसेवी योगी रामप्रकाश गुप्ता का पीतवस्त्र ओढ़ाकर एवं चंदन तिलक लगाकर अभिनंदन किया गया।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्व हमें आपस में जोड़े रखते हैं,होली मिलन का पर्व है इस दिन सब लोग एक दूसरे पर रंग व गुलाल डाल कर खुशी मनाते हैं,एक दूसरे के गले मिलते हैं,मिल बैठकर खाते हैं,इससे सब का आपसी मनोमालिन्य धुल जाता है।सब वैमन्स्य दूर हो जाता है।

योग शिक्षिका सुमन बंसल, मीनाक्षी अग्रवाल, विभा भारद्वाज, जोली शर्मा एवं भारती अग्रवाल आदि के प्रेरणादाई होली के गीतों पर सुन्दर नृत्य होली मिलन समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहे। वरिष्ठ योग शिक्षिका वीना वोहरा ने होलिकोत्सव की सभी को हार्दिक बधाई देने के साथ उपस्थित सभी साधक साधिकाओं का आभार व्यक्त किया। मंच का कुशल संचालन कर रहे योगी प्रवीण आर्य ने कहा कि होली नवसस्येष्टि है (नव= नई,सस्य= फसल, इष्टि= यज्ञ) अर्थात् नई फसल के आगमन पर किया जाने वाला यज्ञ है। इस समय आषाढ़ी की फसल में गेहूँ, जौ,चना आदि का आगमन होता है।इनके अधभुने दाने को संस्कृत में ‘होलक’ और हिन्दी में ‘होला’ कहते हैं। लोग इन दिनों अध भूना अनाज खाते भी हैं।होली’ और ‘होलक’ से ‘होलिकोत्सव’ शब्द बनता है।अतः होली के दिन हमें ईश्वर का नई फसल का भोजन देने के लिए घर में यज्ञ करना एवम् नई फसल की आहुतियां देकर धन्यवाद करना चाहिए।अतः इसके लिए उन्होंने दैनिक अग्निहोत्र पुस्तक सभी साधकों को वितरित की।

डॉ प्रमोद सक्सेना ने सुन्दर कार्यक्रम को देख प्रसन्नता व्यक्त की ओर आयोजकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रीति कश्यप, वीनस गोयल, दर्शना मेहता, वीना गुप्ता, शालिनी गौड़, उमा शर्मा,सीमा अग्रवाल, मालासिंह, उमा शर्मा,संजय खण्डेलवाल एवं सत्यम आदि उपस्थित रहे।

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