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NCR में रियल एस्टेट के व्यवसायियों ने कहा-12 लाख तक पर टैक्स नहीं लगने से पहली बार घर खरीदने वालों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली। एनसीआर में रियल एस्टेट के व्यवसायियों का कहना है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकृत प्रॉपर्टीज के वार्षिक मूल्य को सरल बनाया है।
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि बजट में किए गए ऐलान से यह साफ होता है कि सरकार का ध्यान मध्यम वर्ग को मजबूत करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने और अच्छे आर्थिक हालात बनाए रखने पर है। आयकर स्लैब में बदलाव के तहत ₹12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जो लाखों पहली बार घर खरीदने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है। इसके अलावा, राज्यों और शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर सरकार का ध्यान इस बजट में भी दिखता है। राज्यों को मदद देने के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का प्रस्ताव है, जो ब्याज मुक्त कर्ज के रूप में राज्यों को मिलेगा, ताकि वे पूंजीगत खर्च और सुधारों को बढ़ावा दे सकें। इससे पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा और रियल एस्टेट क्षेत्र में भी तेजी आएगी।
रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन एम. रहेजा ने रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रभावित करने वाले हालिया बजट प्रस्तावों पर अपने विचार साझा करते हुए बताया। अर्बन चैलेंज फण्ड के लिए सरकार द्वारा ₹1 लाख करोड़ का आवंटन हमारे शहरों को गतिशील विकास केंद्रों में बदलने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह पहल न केवल शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगी बल्कि क्रिएटिव रेडेवेलोप्मेन्ट के लिए महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा करेगी, जिससे डेवलपर्स और रेसिडेंट्स दोनों को लाभ होगा।
₹15,000 करोड़ के कोष के साथ SWAMIH फंड-2 (स्पेशल विंडो फॉर कम्पलीशन ऑफ़ अफोर्डेबल एंड मिड इनकम) की शुरूआत एक लाख आवासीय इकाइयों के निर्माण में तेजी लाने के लिए एक समय पर हस्तक्षेप है। यह कदम रुकी हुई परियोजनाओं के दबाव वाले मुद्दे को संबोधित करता है और अपने सपनों के घर का इंतजार कर रहे घर खरीदारों के बीच विश्वास पैदा करेगा।
मिगसन ग्रुप के एमडी,यश मिगलानी का कहना है कि निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और लोगों की उम्मीदों को मजबूत करना घर खरीदने और व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में लगातार तेजी आएगी। मध्यम वर्ग को मदद देने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, जैसे ₹12 लाख तक की आय वाले लोगों को कर में राहत, इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। ये कदम एक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्था की नींव रखेंगे, जिससे रियल एस्टेट में निवेश बढ़ेगा, विश्वास मजबूत होगा और विकास में मदद मिलेगी।
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि बजट में किए गए ऐलान से यह साफ होता है कि सरकार का ध्यान मध्यम वर्ग को मजबूत करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने और अच्छे आर्थिक हालात बनाए रखने पर है। आयकर स्लैब में बदलाव के तहत ₹12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जो लाखों पहले बार घर खरीदने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है। इसके अलावा, राज्यों और शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर सरकार का ध्यान इस बजट में भी दिखता है। राज्यों को मदद देने के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का प्रस्ताव है, जो ब्याज मुक्त कर्ज के रूप में राज्यों को मिलेगा, ताकि वे पूंजीगत खर्च और सुधारों को बढ़ावा दे सकें। इससे पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा और रियल एस्टेट क्षेत्र में भी तेजी आएगी।
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है कि 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स न लगाने का नया प्रावधान और घटाए गए कर स्लैब, घर खरीदने की ओर लोगों को और ज्यादा आकर्षित करेंगे, खासकर मध्य-आय वर्ग के लोगों को। ये राहत उपाय ज्यादा लोगों को प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे रियल एस्टेट बाजार में मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, राज्यों को 50 साल तक ब्याज मुक्त ऋण के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का बजट शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी।
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन, मनोज गौड़ का कहना है कि बजट 2025 दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए गंभीर है। स्टार्ट-अप्स और रोजगार सृजन के लिए उठाए गए कदम, साथ ही आयकर स्लैब में की गई कटौती, इन उपायों से रियल एस्टेट क्षेत्र में पैसे की उपलब्धता बढ़ेगी और लोगों की घर खरीदने की इच्छा भी बढ़ेगी। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि किफायती घरों के निर्माण को तेज करने के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि हर किसी को इसका फायदा मिले।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि बजट 2025 एक एक गेम-चेंजर है, जो भारत के समावेशी और सस्टेनेबल अर्बन ग्रोथ के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। ₹15,000 करोड़ के SWAMIH फंड 2 से रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे एक लाख से ज्यादा घर खरीदारों को राहत मिलेगी। ₹1 लाख करोड़ का अर्बन चैलेंज फंड शहरों को नए विकास केंद्रों में बदलने में मदद करेगा, जिससे हर क्षेत्र में संतुलित विकास होगा। डायरेक्ट टैक्स में किए गए सुधार—₹12 लाख तक की आय को करमुक्त करना—से लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे घर खरीदने के लिए लोगों के लिए आवास सस्ता होगा और रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार का PPP-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर और तीन साल की योजना से शहरी विस्तार में तेजी आएगी, जिससे रियल एस्टेट और आवास के लिए नए मौके खुलेंगे। ये सुधार भारत के 'सबका विकास' के लक्ष्य के साथ मेल खाते हैं, जिससे घर खरीदारों, डेवलपर्स और निवेशकों के लिए एक मजबूत वातावरण बनेगा।
एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स के एमडी नीरज शर्मा का कहना है कि बजट 2025-26 रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक बड़ा मौका लेकर आया है, क्योंकि इसमें कर व्यवस्था को सरल बनाने, इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने और आवास क्षेत्र में सुधार पर ध्यान दिया गया है। जो नया कर स्लैब ₹12 लाख तक कोई टैक्स नहीं लेगा, इससे लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी और खासकर मध्यम वर्ग और किफायती आवास की मांग बढ़ेगी। साथ ही, राज्यों को ₹1.5 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त कर्ज और ₹10 लाख करोड़ का एसेट मोनेटाइजेशन प्लान शहरी विकास को तेज करेगा, जिससे रियल एस्टेट निवेश और विस्तार के नए रास्ते खुलेंगे।
ट्राईसोल रेड के एमडी, पवन शर्मा का कहना है कि नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स में बदलाव और रिबेट लिमिट्स बढ़ाने से लोगों की डिस्पोजेबल इनकम में काफी बढ़ोतरी होगी, जिससे बचत ज्यादा होगी और रियल एस्टेट में अधिक निवेश होगा। ₹12 लाख तक कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा और टैक्स स्लैब्स में भी कमी की गई है, जिससे हमें उम्मीद है कि मध्य-आय वर्ग के लोग ज्यादा घर खरीदने की सोचेंगे। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट में निवेश के लिए टैक्स लाभ बढ़ाने से इस क्षेत्र में कैपिटल इन फ्लो और मजबूत होगा। साथ ही, सरकार ने ₹1.5 लाख करोड़ का आवंटन किया है, जो राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में मिलेगा। इससे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा विकास होगा। इससे शहरी कनेक्टिविटी बेहतर होगी, नागरिक सुविधाओं में सुधार होगा और उभरते हुए रियल एस्टेट हब्स में रहने की स्थिति भी बेहतर होगी।
स्काई के एमडी, अंकित कंसल का कहना है कि इस बार के केंद्रीय बजट में, भारत सरकार ने पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए हैं। "हील इन इंडिया" पहल, जो भारत को दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का एक अहम हब बनाने की कोशिश कर रही है, एक सकारात्मक कदम है। इससे सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र मिलकर इस क्षेत्र को और बढ़ा सकते हैं। भारत में मेडिकल टूरिज्म का आकार लगभग 9 बिलियन डॉलर है, लेकिन इसकी असली क्षमता इससे कहीं ज्यादा है। इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण कदम भारत में होमस्टे क्षेत्र को मुद्रा लोन देने की पहल है। होमस्टे क्षेत्र यहां तेजी से बढ़ रहा है और यह हॉस्पिटैलिटी उद्योग का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। ब्रांडेड होमस्टे का क्षेत्र अकेले 33% की दर से बढ़ रहा है और 2028 तक यह 1377 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। असंगठित क्षेत्र तो और भी बड़ा है। होमस्टे और रेंटल विला मार्केट को सही सपोर्ट और नीति प्रोत्साहन मिलना एक समझदारी भरा कदम है।
उद्धव पोद्दार, सीएमडी, भूमिका ग्रुप का कहना है, “सरकार का बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और आर्थिक विवेक पर जोर निरंतर रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए प्लेटफार्म तैयार करता है। एक प्रमुख विशेषता भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की भूमिका को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना है, जो बदले में, देश की वाणिज्यिक परियोजनाओं को बढ़ावा देगा और दीर्घकालिक प्रगति सुनिश्चित करेगा।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि रियल एस्टेट बायर्स के लिए दो खुद के घरों को टैक्स में शून्य मानने का प्रस्ताव खासकर मध्यवर्गीय पेशेवरों को राहत देगा, जिनके पास अपने गांवों में दूसरा घर है। किराए की आय पर TDS की सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख करने से किराए पर निर्भर लोगों को फायदा होगा। ₹12 लाख तक की आय को करमुक्त करने से मध्यवर्गीय लोगों के पास भविष्य के रियल एस्टेट निवेश के लिए ज्यादा पैसे होंगे। किफायती आवास योजना के तहत 50,000 घर बनाए गए हैं और 40,000 और बनाए जाएंगे। सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर भी है, जिससे शहरी विकास में तेजी आएगी।