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आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को चौथी तिमाही बड़ा झटका, मुनाफा घटा

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे मंगलवार को जारी किए। रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 510 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 520 करोड़ रुपये था। इस प्रकार, कंपनी के लाभ में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
हालांकि, कंपनी की कुल आय में बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में कंपनी की कुल आय 5,851 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 5,165 करोड़ रुपये थी। इससे साफ है कि कंपनी की आमदनी में सुधार हुआ है, भले ही लाभ थोड़ा घटा हो।
साथ ही, कंपनी की सकल डायरेक्ट प्रीमियम आय भी बढ़ी है। मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में यह आय 6,211 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 6,073 करोड़ रुपये थी। इसमें करीब 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि कंपनी की बीमा पॉलिसी से जुड़ी आय में स्थिरता बनी हुई है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रति शेयर 7 रुपये का अंतिम लाभांश देने की सिफारिश की है। यह लाभांश 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर पर दिया जाएगा, यानी यह अंकित मूल्य का 70 प्रतिशत है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने अपनी नियामकीय फाइलिंग में यह जानकारी साझा की है। साथ ही कंपनी ने बताया कि उसका सॉल्वेंसी अनुपात मार्च 2025 के अंत में 2.69 रहा, जबकि यह अनुपात मार्च 2024 में 2.62 था। यह अनुपात भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा निर्धारित न्यूनतम सीमा 1.5 से काफी ऊपर है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर और मजबूत बनी हुई है।
कंपनी के प्रदर्शन से साफ है कि वह बाज़ार में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के साथ-साथ जोखिम प्रबंधन और प्रीमियम संग्रहण में भी संतुलन बनाए हुए है। बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के बावजूद, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की आय और सॉल्वेंसी में वृद्धि इस बात का संकेत है कि कंपनी आगे भी अपने व्यवसाय को स्थायित्व के साथ आगे बढ़ा सकती है।