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गर्मियों में कितने गिलास पिएं पानी, जानें कम पानी पीने से क्या दिक्कतें होती है

नई दिल्ली। गर्मियों का मौसम का आगाज हो चुका है। गर्मी अभी से परेशान करने लगी है। ऐसे में गर्मी से निपटने के लिए पानी का सहारा लिया जाता है। गर्मियों में पानी की कमी काफी सामान्य समस्या है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। शरीर में पानी की कमी जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं, इससे शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचते हैं। पानी की कमी के कारण आपको थकान, सिरदर्द, पाचन संबंधी समस्याएं और गंभीर मामलों में शरीर के अंगों को नुकसान भी पहुंच सकता है। यह रक्तचाप को भी कम कर सकती है। इसलिए इन लक्षणों को लेकर लोगों को गर्मियों में हमेशा अलर्ट होने रहना चाहिए।
कितना पानी है रोजाना जरुरी
डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार लोगों को दिन में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। गर्मियों में दिन में बॉडी से पसीने के माध्यम से खूब पानी बाहर निकलता है। इसके अलावा यूरिन जाने से भी पानी बाहर आता है। इसलिए गर्मियों में शरीर में बिलकुल भी पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। इसलिए जूस, सूप, और फलों का सेवन अधिक करें। साथ ही शराब और कैफीन के सेवन से बचें।
पानी की कमी के कारण होने वाली समस्याएं
1. थकान और कमजोरी- शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।
2.सिरदर्द- पानी की कमी से मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए जरूरी पानी नहीं मिल पाता है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।
3.चक्कर और मुंह सूखना- पानी की कमी से रक्तचाप कम हो सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। साथ ही पानी की कमी से लार का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे मुंह सूख जाता है।
4. कब्ज- पानी की कमी से आंतों का काम प्रभावित हो सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है।
5.त्वचा का सूखापन- गर्मियों में त्वचा का सूखना आम बात है। पानी की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है।
6. मांसपेशियों में ऐंठन- पानी की कमी से इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
7. उच्च हृदय गति और गंभीर बीमारियां- पानी की कमी से रक्त की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हृदय को अधिक तेजी से धड़कना पड़ता है और डिहाइड्रेशन की वजह से गंभीर बीमारियां भी हो जाती है।
पानी की कमी से होने वाले संभावित लक्षण को पहचानें
-कम पेशाब आना या पेशाब का रंग गहरा होना।
-बार-बार प्यास लगना।
-शुष्क मुँह और/या सूखी खाँसी।
-त्वचा का सूखापन।
-बहुत कम यूरिन उत्पादन होना।
- भ्रम की स्थिति।
- बेहोशी।