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संगम में दूषित पानी के मामले में एनजीटी में हुई सुनवाई! जानें नदी का पानी साफ रखने की जिम्मेदारी किसको सौंपी ?

नई दिल्ली। संगम में दूषित पानी के मामले पर एनजीटी में आज सुनवाई हुई है। मामले में यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने एनजीटी में हलफनामा दाखिल किया है। हालांकि इस मामले में यूपी सरकार ने एनजीटी को भरोसा दिलाया है कि, वो सीपीसीबी की रिपोर्ट पर एक्शन लेगी। वहीं मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। मामले में यूपी सरकार के वकील का कहना है कि सीपीसीबी ने टेस्ट रिपोर्ट नहीं लगाई है। यूपीपीसीबी ने भी रिपोर्ट फाइल की है और अपना पक्ष रखा है। इस पर एनजीटी ने पूछा कि क्या यूपी सरकार सीपीसीबी की रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है? जबकि वकील ने कहा यूपी सरकार चाहती है कि सीपीसीबी अपनी रिपोर्ट के साथ टेस्ट रिपोर्ट भी दे। लेकिन एनजीटी ने साफ तौर पर कहा कि यूपी सरकार की जिम्मेदारी है कि नदी का पानी साफ रहे।
मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी
बता दें एनजीटी ने यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि आपने लंबा चौड़ा जवाब दाखिल किया लेकिन कहीं भी कोलीफॉर्म का जिक्र नहीं है। एनजीटी ने कहा कि रिपोर्ट विस्तृत है, लेकिन उसमें गंगा यमुना की सफाई से जुड़े सारे मापदंडों का जिक्र नहीं है। यूपीपीसीबी का दावा है कि जहां से सीपीसीबी ने गंगा यमुना का सैंपल लिया वहां पानी प्रदूषित था, लेकिन जहां से हमने सैंपल उठाए, वहां पानी साफ था। इसी बात पर एनजीटी नाराज हो गया। हालांकि यूपी सरकार ने भरोसा दिलाया कि वो सीपीसीबी की रिपोर्ट पर एक्शन लेगी। यूपीपीसीबी गंगा यमुना में पानी की गुणवत्ता को लेकर एक हफ्ते में लेटेस्ट रिपोर्ट दाखिल करेगा। जबकि उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बताया, संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के 6 पॉइंटस पर पानी नहाने के लिए उपयुक्त है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर 6 पॉइंटस पर पानी के नमूने में डिसलोव ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और फेकल कोलीफॉर्म (एफसी) का लेवल स्वीकार्य मानकों के अनुसार है। यूपीपीसीबी ने आगे कहा नालों के माध्यम से कोई भी प्रदूषित सीवेज सीधे गंगा नदी या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है। किसी भी ठोस कचरे को गंगा और यमुना में जाने से रोकने के लिए नियमित निगरानी की जा रही है।