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अमेरिकी फंडिंग बयान पर विदेश मंत्रालय का जवाब, भारत के आंतरिक मामलों में दखल चिंताजनक
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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग को लेकर दिए गए बयान के बाद विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ यूएस गतिविधियों और फंडिंग की जानकारी दी गई, जो बेहद परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप गंभीर चिंता का विषय है।
प्रवक्ता जायसवाल ने बताया कि संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस पर फिलहाल सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, लेकिन अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और आगे इसकी जानकारी साझा की जाएगी।
दरअसल, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है। मुझे लगता है कि बाइडन प्रशासन चुनाव में किसी और को जिताने के लिए ऐसा कर रहे थे।
इसके अलावा, प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि क्या SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) पर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि जब विदेश मंत्री ने मस्कट में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार से मुलाकात की, तब यह मुद्दा बांग्लादेश की ओर से विदेश मामलों की बैठक में उठाया गया था। जायसवाल ने कहा कि दक्षिण एशिया में सभी को पता है कि कौन सा देश और कौन सी गतिविधियां SAARC को बाधित करने के लिए जिम्मेदार हैं। विदेश मंत्री ने बांग्लादेश को आगाह किया कि उसे आतंकवाद को सामान्य नहीं बनाना चाहिए।